तो एक बार में छुप गया अपनी हट में..
और बाकी का किस्सा इन तस्वीरों में...
खिड़की से मम्मी झांक रही है..
और ये मेरा प्यारा सा "त्या...."
फिर छुपाने की बारी...
और ये तांका झांकी..
और फिर प्यारा सा.. "त्या...."
देखें अब कौन आ रहा हे?
त्या........
बस भाई बहुत हुआ.. कल मिलते हें..
(तस्वीरें १५ अगस्त की)
पसंद आया? खेलोगे मेरे साथ.. त्या..
भई हम भी खेलेंगे तुम्हारे साथ.. त्या..
ReplyDeleteछो...स्वीट....त्या...मिष्टी की हरकतें याद आ गयी...
ReplyDeleteनीरज
बहुत अच्छे, ऐसे ही खेलते कूछते रहो।
ReplyDelete--------
स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक।
चार्वाक: जिसे धर्मराज के सामने पीट-पीट कर मार डाला गया।
यार आदि एक हट का इंतजाम अपने लिये भी करवा भाई. या फ़िर तेरी हट मे ही जगह देदे..दोनो मिलकर मस्ती करेंगे और कहानी सुनेंगे. त्या?:)
ReplyDeleteरामराम.
बहुत पसंद आया बेटा यह खेल तो, ओर चित्र भी बहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह...!
ReplyDeleteआज तो तुम्हारा खेल देखकर मन प्रसन्न हो गया!
वाह बेटा..त्या!!! :)
ReplyDeleteदेखा आज फिर छुपा हुआ आदि ब्लॉग पर मिल गया यानि ढूंढ़ लिया त्या!!! त्या!!! त्या!!! त्या!!!
ReplyDeletechhupachhupi o chhupi aagad-bagad jaee re
ReplyDeletechoohe mama o mama bhag billi aaee re
billi boli myaoon kahe ghabarao
main to chali kashi gale mil jao
chhupachhupi o chhupi aagad-bagad jaee re
ReplyDeletechoohe mama o mama bhag billi aaee re
billi boli myaoon kahe ghabarao
main to chali kashi gale mil jao
ध्यान से बेटा...अंदर-बाहर होते समय ध्यान रखना..गिरने का डर रहता है
ReplyDeleteत्या.. :D
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