Saturday, October 31, 2009

त्या....

लुका छिपी मेरा प्रिय खेल है.. आप कहीं भी छुप जाओ.. और बुलाओ आदि "मैं कहाँ हुं और आदि तैयार आपको ढूढने के लिए.. और फिर मिलाने पर ख़ुशी से "त्या...." ढूढने में मजा है ही पर हमेशा में ही थोड़े ढूढता रहूंगा... मौका मिलने पर मैं भी छुप जाउगां और फिर आपकी बारी होगी ढूढने की..

तो एक बार में छुप गया अपनी हट में..
और बाकी का किस्सा इन तस्वीरों में...


खिड़की से मम्मी झांक रही है..


और ये मेरा प्यारा सा "त्या...."


फिर छुपाने की बारी...


और ये तांका झांकी..


और फिर प्यारा सा.. "त्या...."


देखें अब कौन आ रहा हे?


त्या........


बस भाई बहुत हुआ.. कल मिलते हें..


(तस्वीरें १५ अगस्त की)
पसंद आया? खेलोगे मेरे साथ.. त्या..

12 comments:

  1. भई हम भी खेलेंगे तुम्हारे साथ.. त्या..

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  2. छो...स्वीट....त्या...मिष्टी की हरकतें याद आ गयी...
    नीरज

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  3. यार आदि एक हट का इंतजाम अपने लिये भी करवा भाई. या फ़िर तेरी हट मे ही जगह देदे..दोनो मिलकर मस्ती करेंगे और कहानी सुनेंगे. त्या?:)

    रामराम.

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  4. बहुत पसंद आया बेटा यह खेल तो, ओर चित्र भी बहुत सुंदर

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  5. वाह...!
    आज तो तुम्हारा खेल देखकर मन प्रसन्न हो गया!

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  6. वाह बेटा..त्या!!! :)

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  7. देखा आज फिर छुपा हुआ आदि ब्लॉग पर मिल गया यानि ढूंढ़ लिया त्या!!! त्या!!! त्या!!! त्या!!!

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  8. chhupachhupi o chhupi aagad-bagad jaee re
    choohe mama o mama bhag billi aaee re
    billi boli myaoon kahe ghabarao
    main to chali kashi gale mil jao

    ReplyDelete
  9. chhupachhupi o chhupi aagad-bagad jaee re
    choohe mama o mama bhag billi aaee re
    billi boli myaoon kahe ghabarao
    main to chali kashi gale mil jao

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  10. ध्यान से बेटा...अंदर-बाहर होते समय ध्यान रखना..गिरने का डर रहता है

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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