Monday, November 30, 2009

चिडियाघर घूमें मेरे साथ

किताबों में तो मैने बहुत सारे Animals देखें थे और शेर के जैसे आवाज लगा कर सभी को डराना भी सीख लिया.. पर असली के Animals तो बहुत कम ही देखे थे.. और जो मजा असली में देखने का है वो मजा फोटो में कहां..  आजकल पापा बहुत मेहरबान है…. कल मुझे और मम्मी को लेकर चिडियाघर गये... और वहां पर मैने बहुत सारे animals देखे.. बहुत मजे किये..

मुझे पता है आप बहुत दिनों से चिडियाघर नहीं गये हो.. तो कुछ फोटो आपके लिये ले आया हूँ.. फोटो देख लें पर असली मजा तो वहीं जाकर देखने में है..

सैर की शुरुआत हुई बत्तख देख कर.. और उसके बाद तो बहुत सारे birds और animals.. 
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ये है सफेद मोर..

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ये है हिरन..

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और ये है सफेद हिरन..
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ये सुन्दर पक्षी कौन है.. मम्मी बताओ जऱा


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ये तो दरियाई घोड़ा है..

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ये बन्दर..

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वहां देखो कौन है…. दिख रहा है… होSSSSS

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ये रहा शेर…..
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वो देखो बाबा “मगरमच्छ”

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ओर ये भालू तो सो रहा है…
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ये तेंदुआ


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बाबा ऊधर देखो!!! वो क्या है?

aaditya ranjan-11292009_0719 e सफेद शेर

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घूम लिये न पूरा चिडियाघर.. पर आप सोच रहे होगें इतना बड़ा चिडियाघर आदि कैसे घूमा होगा.. थक गया होगा न.. ? अरे मैं पैदल थोड़ी न घूमा.. ये देखो.. चिडियाघर में घूमने के लिये एक कार भी थी…
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और कार से उतर कर.. “बाबा”

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वैसे तो बहुत मजा आया पर वहाँ थोडी सी.. बू.. आ रही थी.. कोई बात नहीं.. नाक बंद कर सकते है… aaditya ranjan-11292009_0778 eऔर अगर आपको घूमना है तो ये रहा नक्शा…

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Wednesday, November 25, 2009

योगा विद आदि

रेनू चाची को योगा करते देख मैं भी योगा सिख गया.. और फिर तो कपाल भाति, अनुलोम विलोम इत्यादि सब मेरे बायें हाथ के खेल हो गए.. परसों चाची जब घर पर आई तो फिर सारे योगा करवाए.. आपको भी टिप्स लेनी है तो देखिए ये विडियो  



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Tuesday, November 24, 2009

ये कौन चित्रकार है....

मुझे मिल गई मम्मी की आई लाईनर... चित्रकारी करने के लिये और क्या चाहिये होता है? क्या कहा कैनवास? अरे घर में इतनी सारी जगह है.. और आप कैनवास की बात करते है... देखिये मेरी चित्रकारी का एक नमुना.. ये काम अभी शुरु ही किया है तो क्लेक्शन में ज्यादा आईटम नहीं है.. अभी तो इसे ही निहारिये



ज़रा औजार ठीक कर लूं..


और मम्मी का आदेश हुआ है तो रुई से साफ साफ भी करना पडेगा..


आपके घर की दीवारें सुनी सुनी तो नहीं है? बुला लो मुझे..

Sunday, November 22, 2009

शानदार शनिवार..


कल का दिन मेरे लिये विशेष रुप से प्लान किया गया था.. और एजेण्डा में था मुझे घूमाना और रेस्टोरेंट में खाना खिलाना.. घूमने में शामिल था बत्तख और खरगोश देखना.. और वो देखने हम गये एक आश्रम में.. और आश्रम दूर था तो पापा मम्मी के साथ लोंग ड्राइव का मजा भी..



गाड़ी में मम्मी के साथ मस्ती करते हुए हम आश्रम पहुँच.. पर ये क्या? वहां गये तो पता चला वो दिन में दिन में १२ बजे तक ही खुलता है.. इतनी दूर आये और खरगोश और बत्तख नहीं देख पाये.. ये तो प्रोग्राम खराब हो गया..:(
एक प्रोग्राम तो खराब हो गया लेकिन मुझे मस्ती करने का दूसरा मौका तुरंत मिल गया.. रास्ते में मम्मी जब नर्सरी से पौधे खरीदने लगी तो मैं भी बाबा के साथ काऊ देखने लग गया.. पता है वहाँ बहुत सारी काऊ थी.. और उन सभी को देख मैं बहुत खुश था.. काऊ देखने के बाद हम एक खेत में गये.. और वहां हमने ताजा सब्ज़ियाँ खरीदी... और मैं खेत में चला गया पौधों को करीब से छूने..




और फिर रास्ते में कार और काऊ देखते देखते हम चाचा के घर चले.. वहां चाची में मेरे लंबे बाल देख एक नई हेयर स्टाइल बना दी.. और बाल फिक्स करने के लिये हेयर जेल भी लगा डाला..


और दिन का समापन हुआ एक रेस्टोरेंट में डिनर कर.. वैसे तो मैं पहले भी कई बार रेस्टोरेंट में गया पर मैं, बाबा और मम्मी (सिर्फ हम तीन) के साथ में पहली बार गया.. और वहां खाई मेरी मनपसंद इडली और फ्रेश लाइम सोड़ा..

तो ऐसे हुई इस वीक एंड की शुरुआत...


Thursday, November 19, 2009

वाह आदि कितना प्यारा लग रहा है...

कल सुबह मम्मी ने सुन्दर सुन्दर तैयार किया.. तो मैंने ये पोज दिए.. हूँ न मैं क्यूट!!









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नीरज गोस्वामी अंकल ने पूछा था " तुम्हारे ये बाल कब कटेंगे...?"


नीरज अंकल, बाल कटाने में अभी समय है.. हमारे यहां मुंडन जन्म के २ साल के बाद होता है.. यानी अभी ५-६ महीने और इन बालों के साथ रहना होगा.. 

Wednesday, November 18, 2009

मेरी नई किताबें..

बाबा के साथ सुबह अखबार पढ़ता था तो मेरे मतलब का कुछ नहीं होता था.. ज्यादा से ज्यादा कुछ कार और कभी कभी "काऊ" मेरी काऊ मतलब सारे चौपाया जानवर..  ऐसे बोरिंग अखबार से मुक्ति दिलाने बाबा कुछ किताबें ले आये.. देखें ऐसी है मेरी किताबें ..


इन तीन किताबों के अलावा एक किताब पालतू जानवरों की भी है.. इन किताबों में सुन्दर सुन्दर चित्र है.. और मैं काफी देर इनके पन्ने बदलता रहता हूँ.. ये देखें मेरी अदा..

हूँ न सीरियस किताब देखने में




और पढ़ने के साथ थोड़ी सी पेट पूजा भी..


कैसी लगी मेरी ये अदा..

Thursday, November 12, 2009

मैकेनिक..

परसों घर पर केबल ख़राब हो गया था.. एक अंकल आये थे ठीक करने..  घर पर जब भी ऐसी कोई बात होती है तो मेरा वहां होना बहुत जरुरी है.. आखिर मुझे ही तो सब सिखाना है..   तो देखें पहले तीन फोटो में जब अंकल काम कर रहे थे तो कैसे झांक झांक कर देख रहा था..






और जब थोडी देर बाद जब अंकल चले गए तो मैं शुरू हो गया... अपना पाठ दोहराने..  देखिए इन दो फोटो में...




है न तैयार मैकेनिक..
आया मजा..

Friday, November 6, 2009

पापा की बहुत याद आ रही थी...

कल सुबह पापा की बहुत याद आ रही थी.. और मुझे पता है पापा कहाँ दिखते है और बात करते है..  कंप्यूटर तो ऑन ही था...बस हेडफोन के दोनों सिरे (माइ़क और स्पीकर) सही सही लेपटाप में लगाए.. और फिर कान पर हेडफोन लगा कर पापा पापा आवाज लगाने लगा...


ये देख मम्मी भी चकित हो गई और तुंरत पापा को फोन लगा कर मेरी बात करवाई.. और पापा भी मेरी आवाज सुन.... अब ये भी मैं बताऊ.. पापा ये क्यों नहीं पूछ लेते आप...

पसंद आई मेरी ये अदा..



(फोटो सितम्बर माह का है)

Thursday, November 5, 2009

किस्सा कुर्सी का...

पापा मम्मी मेरे लिए एक छोटी सी कुर्सी लाये..  और ये कुर्सी भी मेरे लिए एक खिलौना बन गई.. देखिये इस विडियो में की मैंने कुर्सी पर कैसे कब्जा जमाया..

कैसा लगा ये किस्सा कुर्सी का..



Tuesday, November 3, 2009

मुझे ही मनाना है मम्मी का जन्मदिन...

आज मम्मी का जन्मदिन है.. और मुझ पर बड़ी जिम्मेदारी है... पापा बाहर गये है और मुझे अकेले ही मम्मा का जन्मदिन मनाना है... आपके पास कोई अच्छा सा आईडिया है तो जल्दी से बताये..  और सोचते सोचते एक बार फिर से देखिये "मम्मा" का ये प्यारा सा विडियो...



Happy Birthday Mummaa!!!
पसंद आया..

Monday, November 2, 2009

आदि ताला कहाँ है...

कल खेलते खेलते मैने ने ताला कहीं छुपा दिया..  और जब मम्मी बाहर जाने लगी तो ताला गायब मिला... और बिना ताला लगाये बाहर जा नहीं सकते..


मम्मी हैरान.. परेशान.. पुरे घर में ढुढ लिया पर मेरी छुपाई चिज भला मिल सकती थी.. परेशान हो आखिर माँ ने वो किया जो उन्हे बहुत पहले कर लेना चाहिये था.. मुझसे पुछा..."आदि ताला कहाँ है?" पर मैं एक बार में थोडे़ ही बताने वाला था.. और मम्मी के साथ ढुढने का नाटक करने लगा.. टेबल के निचे, कुर्सी के ऊपर, सोफा पर.. और यत्र, तत्र, सर्वत्र... हैरान मम्मी ने एक बार फिर पुछा.. "आदि ताला कहाँ है?" और मैं मम्मी का हाथ पकड़ कर टेरस पर ले गया.. और इशारा कर वो जगह बता दि जहाँ ताला रखा था..

है न आदि कमाल...

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(फोटो ४ अक्तूबर की)

Sunday, November 1, 2009

ट्रेनिंग ताली बजाने की...

मम्मी मे मुझे ताली बजाना सिखाया था..  कैसे.. खुद देखिये इस विडियो में.. "ये........" वैसे बहुत जोर से मत बजाना हाथ में दर्द होता है..



आपको किसने और कब सिखाया था ताली बजाना.. याद आया?

पसंद है तो बजाईये ताली!!!

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