Thursday, May 14, 2009

चित्र देखों कहानी बुनों

आज आपको कुछ चित्र दिखाता हूँ... ये परसों शाम के हैं....आज इन चित्रों के साथ कोई शीर्षक और बात नहीं है.... क्या आप लिख सकतें है कोई कहानी/कविता इन्हे देखकर...















13 comments:

  1. आदित्य बाबू, बड़े सयाने
    गर्मी से डर, लगे नहाने..
    पहले अपने कपड़े फेंके..
    फोटो खिंची, लगे शरमाने.


    पापा ने पानी भर डाला
    आदि ने है मंच संभाला
    बाल्टी में अब टब है मेरा..
    मैं मछली सा उसमें तैरा..

    खुश होते सब देख तमाशा..
    आदि जब तक रहा नहाता!!!


    --बहुत बढ़िया..नंगू बाबा!! आंटी लोग भी आयेंगी तो कितनी शेम शेम होगी..जल्दी से कपड़े पहन लो!!!

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  2. हाय, न्यूडिटी फैलाते हो! तभी कोई आण्टी नहीं आईं। :)

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  3. जौ हो पल्टू महाराज की .:) शेम..शेम...नंगा पल्टू...:)

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  4. जय हो पल्टू महाराज की .:) शेम..शेम...नंगा पल्टू...:)

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  5. हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हाहाहा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा आदीईईईईईईइ हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

    love ya

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  6. shame shame aadi ki shame shame...
    ha ha ha ha ha ...mann bhi aise hi nahata hai. ...very cute....

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  7. जंगल जंगल बात चली है पता चला है
    चड्डी खोल के फूल खिला है फूल खिला है...

    आदि अपना बड़ा ही चंगा.. पर था वो नंगा
    अरे इससे तो टब के ही अन्दर था वो चंगा

    पूछ रहा है पापा से क्यों अब कैमरा निकला है..
    अरे चड्डी खोल के फूल खिला है.. फूल खिला है...

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  8. आदि बेटे के ठाठ निराले
    कितने लगते भोले भाले

    कपडे इनको बिलकुल न भाते
    अंगु पंगु झट हो जाते

    पापा जब यूँ लेते फोटो इनका
    झट बाल्टी में घुस मुस्कराते

    गर्मी को यह यूँ है भागते
    अपनी अदा से सबको लुभाते :)

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  9. अरे महाराज! ये कहानी-वहानी, कविता-वविता छोड़िये.. बेचारे बेटूलाल का नंगू-पंगू वाला फोटो लेकर नेट पर चिपका दिये हैं, बड़ा होकर बहुत लड़ेगा.. ;-)
    मैं गूगल से आग्रह करुंगा कि वह इस ब्लौग को वयस्क कि श्रेणी में डाले.. ;-)

    वैसे जब यह सच में वयस्क हो जायेगा तब इसे यही फोटो बहुत भायेगा.. :-)

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  10. very cute........ mmmmmmmmmuuuuuuuuuuhhhhhhhhhhhhhhhhaaaaaaaaaaaaaaaaaaa

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  11. कोई शेम-शेम नहीं!
    सब कुछ बहुत सुंदर है!

    आदि तो सबका बेटा है!
    फिर भला आंटी लोग क्यों शरमाएँगी!

    कविताएँ भी ख़ूब आ गई हैं!
    मैं भी एक कविता पोस्ट करनेवाला हूँ!

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  12. क्लास रूम को ध्यान में रखकर
    जब ये चित्र देखे, तो पाया -
    ये तो बहुत काम के हैं!

    इनकी सहायता से पढ़ाया जा सकता है -

    जीवविज्ञान में नर मानव के बाह्य अंगों का ज्ञान

    गणित में वृत्त और छिन्नक

    विज्ञान में आर्किमिडीज का सिद्धांत, प्रकाश का परावर्तन व अपवर्तन, प्लवन का सिद्धांत, शीतलन, वाष्पन और भी बहुत कुछ, जो अभी मेरे ध्यान में नहीं आ रहा

    छोटा-बड़ा का ज्ञान, स्वास्थ्य, साफ-सफाई का ज्ञान

    आदि-आदि

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  13. garmi se baba raahat paao
    aadi balti mein khub nahao
    uchalna kudna bacchho sa
    hum bado ko bhi thoda sikhlao

    bahut achhe lag rahe hai aadi baba:)

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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