Sunday, May 24, 2009

तूफान मचा डालो!! हालाकान कर दो सबको..

आदि अपनी मम्मी के साथ दिल्ली में है, और में कन्याकुमारी जिले में २० तारिख को आ गया था अभी ६ दिन और यहीं रुकना है.. कल सुबह अंजु से बात हुई उसी संदर्भ में है ये पोस्ट..

आदि बेटा,
ढेर सारा प्यार,
कल मम्मी का फोन आया था.. और मम्मी तेरी बहुत शिकायत कर रही थी.. मम्मी कह रह थी कि तुम एक मिनिट भी शान्त नहीं बैठते, हर पल नई शरारत करते हो.. पूरे समय उन्हे तुम्हारे पिछे घुमना पड़ता है.. मम्मी कहती है कि अब तुम सीढ़ी चढ़ना सीख गये हो..  जब भी मौका मिलता है सीढ़ी चढने उतरने की कोशिश करते हो..
और मम्मी बता रही थी कि तुम दरवाजे पर जा कर खडे़ हो जाते हो और कुण्डी खोलने की कोशिश करते हो.. बाहर घुमने की जिद करते हो.. बेटा मम्मी को कई काम करने होते है.. तुम्हे हर समय बाहर कैसे ले जा सकती है?
और जब मम्मी बाहर ले जाती है तो तुम प्राम से उतरने की कोशिश करते हो, सड़क पर चलने के लिये मचलते हो.. तुम कंकड पत्थर उठाने लगते हो.. क्यों हैरान करते हो इतना..
उडन तश्तरी अंकल ने तुम्हे दो दिन पहले कहा "तूफान मचा डालो!! हालाकान कर दो सबको.." और तुमने मान भी लिया.. बेटा समीर अंकल मजाक कर रहे थे.. चाहो तो पुछ लो..
वैसे सही बताऊ मैं हर पल तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ, और मन ही मन मम्मी से बहुत इर्ष्या कर रहा हूँ.. कितने अच्छे पल मिस कर रहा हूँ..:) तुम्हारी बाल लिलाऐं मैं कुछ कम क्यों देख पा रहा हूँ.. पर क्या करें, बाहर तो जाना होता है न... जल्द ही दिल्ली आ रहा हूँ फिर हम खुब मस्ती करेगें... बहुत बाहर घूमने जायेगें.. कबुतर देखेगें.. लिफ्ट के बटन दबायेगें.. साईकल चलायेगें.. और वो सब कुछ जो तुम्हे पसंद है..
बहुत प्यार!!
पापा

8 comments:

  1. वाकई आदि, मैं मजाक कर रहा था. पापा को परेशान करने को कहा था, मम्मी को नहीं. जब पापा घर पर नहीं है तो यू आर द मैन ऑफ द हाऊस..तो कितनी जिम्मेदारी होती है, यह तो तुम जानते ही हो...मम्मी को जरा भी परेशान मत करो..जो मन आये, नोट करके रख लो..पापा आयें तो नचाना फिर हमें भी मजा आयेगा. ओके..अब बेस्ट बेबी आदि परेशान नहीं करेगा. :)

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  2. बड़े डेयरिंग ब्लॉगर हो प्यारे! पापा के नितांत पर्सनल लैटर ब्लॉग पर ठेल देते हो। बाद में गर्ल-फ्रेण्ड के लैटर ठेलने से पहले थोड़ी एडिटिंग कर लिया करना! :)

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  3. एक तरफ लिखते हैं पापा,
    देख न पाए वे लीलाएँ!
    पर चिट्ठी से तो लगता है,
    सदा गोद में तुम्हें खिलाएँ!

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  4. बहुत सही जा रहे हो बेटा...उडनतश्तरी अंकल की बात मान कर अपना कार्यक्रम चालू रखो. अभी करलो जो करना हो..बाद मे करोगे तो पीटाई पक्की है ..और अभी तो कोई नही करने वाला...सो अपना एजेंडा चालू रहे.:)

    रामराम.

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  5. बेटा !!

    तुफ़ान मचा दो और हैरान कर दो पापा को ....पापा को पापा होने का मजा चखा दो !!:)

    बच्चो के नाजुक हाथो को चांद सितारे छुने दो "
    कल चंद किताबे पढकर ये हम जैसे हो जायेंगे "

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  6. आदि ! तूफान मचाने के यही दिन होते है जितना मचा सको मचा लो थोड़े दिनों बाद तो ये तूफान स्कूल की किताबो के बोझ तले दब जायेंगे !

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  7. आदि पापा की बात बिल्कुल नहीं मानना, मम्मी को भले ही कितने ही काम हो, वह सब मैनेज करने में माहिर है।
    मम्मी भले ही पापा को आपकी शिकायत करती हो पर आपकी शैतानियां देख कर मन ही मन मुकुराती जरुर है, विश्वास ना हो तो आप पापा से पूछ लो।
    शैतानियां, शरारतें चालू रहे, दो साल बाद में तो नर्सरी में जाना ही है।

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  8. बहुत प्यारी चिट्ठी है.. :)

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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