"बाबा का बेग"
"मम्मु का फोन"
"आदि की साइकल"
"साइकिल पर बिठाओ"
"झूले पर बिठाओ"
और भी कई मजेदार वाक्य बना लेता है.. आदि बाबु...
समझदारी
कल शाम को तो आदि ने समझदारी के झंडे गाड़ दिए.. मम्मी जब बाबा से फोन पर बात कर रही थी तो आदि गायब हो गया.. बात पूरी करने के बाद जब मम्मी मुझे ढूढने लगी.. तो पता चला आदि बाबू बाथरूम में गए है.. शु शु करने.. और बाबू कमोड के पास मूत्र विसर्जन कर आये.. लेकिन आदि बाबु शु शु करने से पहले पामा भी खोलना होता है..:)
पामा पहनाने वाले जाने उसे उतारना, शू शू करने वाले जाने करना!
ReplyDeleteदेखिये काम तो पहले से ही बंटे हुए हैं शुशू करना आदि का काम लेकिन पाजामा खोलना किसका काम था ? एक तो आप लोग अपने काम में कोताही करते हैं दूसरे बच्चे पर अंगुली उठाते हैं ...हाँ तो आदि बेटा पापा मम्मी की गलती पर शर्मिन्दा होने का नईं :)
ReplyDeleteBuzz
अच्छी लगा आदि की अदा!
ReplyDeleteवाह आदि की सभी बातें निराली :)
ReplyDeleteही ही हू हू
ReplyDeleteओहो पामे में ही कर दी.
आदि के मुँह से निकने नए-नए
ReplyDeleteबहुत सुंदर शब्दों का
एक कोश बनना चाहिए!
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की –
"नवसुर में कोयल गाता है, मीठा-मीठा-मीठा!
श्रम करने से मिले सफलता,परीक्षा सिर पर आई! "
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संपादक : सरस पायस
बेचारा गया तो बाथरुम तक..अभी वहीं कर देता तो पोंछते रहते..पामा खोलना भी सीख ही जायेगा. :)
ReplyDeleteजरा विडियो बनाकर उसका वाक्य बनाना तो सुनवाओ भाई...
आदि की अदा सुब्हान-अल्लाह!!
ReplyDeleteपर अभी तू कहां है? मुझे दिखाई क्यों नही देरहा है? सिर्फ़ एक चमगादड ही उल्टा लटका दीख रहा है?:)
ReplyDeleteशाबास आदि, आज बढिया काम किया तूने.
रामराम.
हा हा हा ..अच्छा है.
ReplyDeleteआदि बाबु....बहुत सयाने हो गये हो, कोई बात नही पाजामा भी खोलना आ जायेगा.
ReplyDeleteMajedar..ha..ha..
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रंग-बिरंगी होली की बधाई.
जन्मदिन की बधाई
ReplyDeleteरंजन प्यारे भाई।
.सुन्दर और मन भावन!!
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