कल बताया की जब हम शाम को कन्याकुमारी के बीच पर पहुचे तो घोड़ा जा चुका था... बल्कि घोड़ा हमारे सामने ही निकल गया.. और हम अपनी गाडी से देखते रह गए.. घुड़सवारी तो करनी ही थी.. तो हम अगले दिन शाम को फिर कन्याकुमारी पहुँच गए.. इस बार थोडा जल्दी.. लेकिन आज भी घोड़ा हमारे सामने से जा रहा था.. no, not again!!
लेकिन उस दिन तो पापा ठान के आये थे.. तुरंत गाडी से उतरे और घोड़े का पीछा करने लगे.. और थोड़ी देर में पापा और घोड़े वाले भैया बात कर रहे थे.. भैया पहले तो मना करने लगे पर पापा ने उन्हें मना ही लिया.. और आदि घोड़े पर सवार हो गया..
एक बार सवार हुआ तो भैया को भी अच्छा लगा.. तो थोड़ी देर का कहने वाले भैया आदि को दूर दूर तक घुमाने ले गए.. और मैं तो घुडसवारी के मजे ले ही रहा था.. टिक टिक घोड़ा... मंजा आ गया... कल मिलते है एक नये किस्से के साथ..
घोड़ा भी तो कितना खुश दिख रहा है बबुआ को बैठा कर. :)
ReplyDeleteअसली क घोडा घोडे पर आदि
ReplyDeleteशादी से पहले दुल्हे की तैय्यारी
वाह .. क्या कहने !!
ReplyDeleteमजा आया होगा खूब !
ReplyDeleteWonderful....Enjoying the Horse-riding !!
ReplyDeleteवाह यार आदि क्यों जी जला रहा है हमारा? अकेले अकेले घोडे की सवारी भी करली. कोई बात नही. कभी हम से मिलना तू.
ReplyDeleteरामराम.
रंजन जी, आदित्य के ब्लॉग को संवाद सम्मान की श्रेणी 'बच्चों का ब्लॉग-नामित' के लिए चुना गया है। आपका ईमेल आईडी उपलब्ध न होने के कारण इस प्रकार सूचित करना पड रहा है। कृपया मेरे मेल zakirlko@gmail.com पर सम्पर्क करने का कष्ट करें, जिससे अग्रेतर कार्यवाही की जा सके।
ReplyDeleteइत्ता सुन्दर घोडा और उस पर इत्ता बढ़िया सवार...पर पीछे के भैया को हटाओ यार !
ReplyDeleteआदि अपना तो मन है कि ये घोडा जैसे भी जोधपुर आना चाहिए...बस !
buzz
"संवाद सम्मान के लिए बहुत-बहुत बधाई!"
ReplyDelete--
कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "वसंत फिर आता है - मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस
ओए, अभी से समीर अंकल वाली आदत पाल ली..पहले चश्मा पहन कर बराबरी करते थे अब सम्मान वम्मान भी...वाह वाह!!
ReplyDeleteबहुत बधाई मेरे बबुआ को...तुम तो हो ही बेस्ट..समीर अंकल भला कहाँ ठहर सकते हैं अपने बबुआ के आगे..खूब नाम कमाओ!!
बधाई और शुभकामनाएँ..
अब मम्मी को कहो..मिठाई कहाँ है??
वाह वाह !! घुड़सवारी में खूब मज़ा आया होगा.... संवाद सम्मान के लिए बधाई !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर आदि अब घोडे की सवारी की आदत पड गई है, दुवारिका मै ऎसा घोडा तो नही मिलेगा, लेकिन एक घोडा हमेशा तेयार रहे गा....अरे पापा को बना लेना टिक् टिक घोडा, बहुत सुंदर बेटा
ReplyDeleteसुन्दर ............
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