Monday, February 15, 2010

घुड़सवारी...

कल बताया की जब हम शाम को कन्याकुमारी के बीच पर पहुचे तो घोड़ा जा चुका था... बल्कि घोड़ा हमारे सामने ही निकल गया.. और हम अपनी गाडी से देखते रह गए..  घुड़सवारी तो करनी ही थी.. तो हम अगले दिन शाम को फिर कन्याकुमारी पहुँच गए.. इस बार थोडा जल्दी.. लेकिन आज भी घोड़ा हमारे सामने से जा रहा था.. no, not again!!

लेकिन उस दिन तो पापा ठान के आये थे.. तुरंत गाडी से उतरे और घोड़े का पीछा करने लगे.. और थोड़ी देर में पापा और घोड़े वाले भैया बात कर रहे थे.. भैया पहले तो मना करने लगे पर पापा ने उन्हें मना ही लिया.. और आदि घोड़े पर सवार हो गया..



एक बार सवार हुआ तो भैया को भी अच्छा लगा.. तो थोड़ी देर का कहने वाले भैया आदि को दूर दूर तक घुमाने ले गए.. और मैं तो घुडसवारी के मजे ले ही रहा था.. टिक टिक घोड़ा... मंजा आ गया... कल मिलते है एक नये किस्से के साथ..

13 comments:

  1. घोड़ा भी तो कितना खुश दिख रहा है बबुआ को बैठा कर. :)

    ReplyDelete
  2. असली क घोडा घोडे पर आदि
    शादी से पहले दुल्हे की तैय्यारी

    ReplyDelete
  3. मजा आया होगा खूब !

    ReplyDelete
  4. Wonderful....Enjoying the Horse-riding !!

    ReplyDelete
  5. वाह यार आदि क्यों जी जला रहा है हमारा? अकेले अकेले घोडे की सवारी भी करली. कोई बात नही. कभी हम से मिलना तू.

    रामराम.

    ReplyDelete
  6. रंजन जी, आदित्य के ब्लॉग को संवाद सम्मान की श्रेणी 'बच्चों का ब्लॉग-नामित' के लिए चुना गया है। आपका ईमेल आईडी उपलब्ध न होने के कारण इस प्रकार सूचित करना पड रहा है। कृपया मेरे मेल zakirlko@gmail.com पर सम्पर्क करने का कष्ट करें, जिससे अग्रेतर कार्यवाही की जा सके।

    ReplyDelete
  7. अली सैयदFebruary 15, 2010 at 1:57 PM

    इत्ता सुन्दर घोडा और उस पर इत्ता बढ़िया सवार...पर पीछे के भैया को हटाओ यार !
    आदि अपना तो मन है कि ये घोडा जैसे भी जोधपुर आना चाहिए...बस !

    buzz

    ReplyDelete
  8. ओए, अभी से समीर अंकल वाली आदत पाल ली..पहले चश्मा पहन कर बराबरी करते थे अब सम्मान वम्मान भी...वाह वाह!!

    बहुत बधाई मेरे बबुआ को...तुम तो हो ही बेस्ट..समीर अंकल भला कहाँ ठहर सकते हैं अपने बबुआ के आगे..खूब नाम कमाओ!!

    बधाई और शुभकामनाएँ..


    अब मम्मी को कहो..मिठाई कहाँ है??

    ReplyDelete
  9. वाह वाह !! घुड़सवारी में खूब मज़ा आया होगा.... संवाद सम्मान के लिए बधाई !!

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर आदि अब घोडे की सवारी की आदत पड गई है, दुवारिका मै ऎसा घोडा तो नही मिलेगा, लेकिन एक घोडा हमेशा तेयार रहे गा....अरे पापा को बना लेना टिक् टिक घोडा, बहुत सुंदर बेटा

    ReplyDelete

कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

Related Posts with Thumbnails