Thursday, July 24, 2008

बुरी नज़र से खुद ही बचना होगा!

आज टीका लगे तीन दिन हो गये. बुख़ार आज ठीक हो गया. अब मैं पहले की तरह active हो गया हूँ.. मेरी मस्ती चालू है... पर अब मुझे गोदी में रहना ज़्यादा अच्छा लगता है..

जन्म के बाद अस्पताल से सीधा मैं नानी के घर गया. नानी के पास बहुत दिनों तक रहा. नानी ने छोटे - छोटे काले मोतियों की लड़ी मेरे दोनों हाथों मे पहनाई.. बहुत सुन्दर लड़ी थी.. नानी कहती थी: यह मोती मुझे बुरी नज़र से बचायेंगे । यह बहुत दिनों से मेरे हाथों में थे.. हाँ "थे".. अब नहीं रहे.. जब से दिल्ली आया हूँ पापा की बुरी नज़र इन पर थी.. पापा इन्हे काटने की सोच रहे थे... पर पता नहीं क्यों अब तक बची रही ? ॠषभ भैया के काले धागे तो पापा ने एक नज़र में ही काट दिये थे.. ख़ैर बहुत दिनों तक देखने के बाद आज पापा ने एक एक कर दोनों हाथों की लड़ी उतार दी.. अब मुझे बुरी नज़र से खुद ही बचना होगा.

3 comments:

  1. so sweet of u . isi tarh apne bare mein batate rehna . love u

    Saloni

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  2. Hum se bhi chat kara kaor jab free ho aur mami papa ko bhi kaho ki humse chat kiya kare . I think so ab teen din ke fever ke baad aaj adi bahut khush aur full on active aur masti karne ke liye tayaar hain . Papa ko kehna ke apna id muje likh kar bejhe . aur daily tumahare baare mein updates bejte rahein aur mama ko kehna ke thode english words jyada use kare, kyun ki hindi mein likhe gaye dates samaj mein nahi aate , understand karne mein thode problem hote .INVITATION JALDI ACCEPT KARNA .
    hain .
    LOTS OF LOVE
    YOUR BHUA,
    SALONI

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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