आज आदि हमेशा की ही तरह सुबह जल्दी उठ गया था.. सुबह ५.०० बजे.. पापा के साथ खेला और फिर से सो गया.. फिर ९ बजे पापा आदि को गाड़ी में बाहर ले गये, मम्मी भी साथ थी... यह दोनों आदि को मालवीय नगर के अस्पताल में ले गये.. बहुत बड़ा अस्पताल था.. आदि घर से बाहर आकर बहुत खुश था..
पापा कुछ जुगाड़ लगा कर जल्दी से एक पर्ची बना कर लाये.. फिर एक सिस्टर ने आदि का वज़न लिया.. आदि अब पूरे ५ किलो ८०० ग्राम का हो गया है.. लगता है आदि को ढंग से ही रखा जा रहा है.. वज़न तो ठीक ही बढ़ रहा है..
फिर आदि डाक्टर के पास गया और अपना चेकअप करवाया.. डाक्टर ने आँख, जीभ, धड़्कन देख कर कहा, सब ठीक है..
यहाँ तक तो सब ठीक था .. आदि को क्या पता असली मुसीबत तो अब आने वाली है.. आदि एक दूसरे कमरे में गया.. और वहाँ आदि को सुई लगा दी गयी . आदि रोया.. पर तुरन्त ही चुप हो गया . शायद यह सोच कर कि माथे तरह सबके सामने कोई आज आदि है !! नर्स दीदी बोली "यह तो बहुत कम रोया.".. फिर दीदी ने एक दवा भी पिलाई..
रास्ते में पापा मम्मी बात कर रहे थे कि आज आदि को "Easy Five" का दूसरा टीका लगा है.. और आदि अब Diphtheria, Tetanus, V-Pertusis, H. influenzae type b और Hepatitis B सबसे सुरक्षित रहेगा.. और Polio भी दूर रहेगा.. पर हाँ ! पूरी सुरक्षा के लिए आदि को ४ सप्ताह बाद फिर से सुई लगवानी होगी।
अस्पताल में तो आदि नहीं रोया पर घर आकर तो रोया ही.. पाँव में बहुत दर्द था..और आदि सो नहीं पा रहा था.. मम्मी ने दवा दी और माथे पर ठण्डे पानी की पट्टी भी की... शाम तक आदि कुछ ठीक हुआ.. । आज मम्मी-पापा कुछ ज़्यादा प्यार कर रहे हैं .क्योंकि आज आदि उदास है।
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