कैसा लगा?
शरारत ऑफ द डे कल शाम को पापा के साथ घूम कर आ रहा था तो लिफ्ट में एक अंकल मिल गये... अंकल अपनी धून में मस्त थे.. जेब से एक क्लोरोमिंट निकाली और खा ली.. मैनें तुरंत अपना विरोध जताया.. अंकल भी समझ गये.. जेब से एक क्लोरोमिंट निकाली और मुझे दे दी.. और मैने बदले में दी एक प्यारी सी स्माईल... दूबारा मत पुछना... |
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बहुत बढ़िया आदित्य जी।
ReplyDeleteअच्छा का ढूँढ लिया है तुमने तो।
हा हा हा हा हा ओये हीरो मजा आ गया .
ReplyDeletelove ya
अंकल भी समझ गये.. जेब से एक क्लोरोमिंट निकाली और मुझे दे दी.. और मैने बदले में दी एक प्यारी सी स्माईल... दूबारा मत पुछना...
ReplyDeleteबहुत होशियार हो गए हो :)
abhi to kai sitiyo se man dolega
ReplyDeleteवाह कूकर की सीटी मे आदि का मन डोले...छा गया गुरु..छा गया.
ReplyDeleteरामराम.
This is awesome!
ReplyDeleteसीटी क्या तुम्हारा तो कुकर पर ही मन डोल रहा लगता है :-)
ReplyDeleteहा-हा, होनहार विरवान के, होत चिकने पात, शुभकामनाये आदित्य !
ReplyDeleteए बच्चे !
ReplyDeleteकुकर कैसे फिट होता है यह तो कुछ ज्यादा ही सीख लिया तुमने :)
मस्त है आदित्य बहुत मस्त . और हां दुबार नहीं पुछुगा :)
ReplyDelete:) बहुत प्यारी है आपकी स्माइल और कुकर फिट करने का तरीका भी :)
ReplyDeleteवाह बेटा,मजा आ गया तुम्हारी शरारते देख कर, लेकिन कभी हाथ मत लगा लेना गर्म गर्म कुकर को. प्यार ओर बहुत सा प्यार
ReplyDeleteदेखते देखते कितना कुछ सीख गया और भारी सामान भी उठाने लगा.
ReplyDeleteएक क्लोरोमिंट हमारी तरफ से भी.. :)
आदि बड़ा हो गया है हमारा...वाह...अपने से भारी कूकर उठा रहा है...कहीं संजीव कपूर सा भोजन विशेषग्य तो नहीं बनेगा भविष्य में...??क्या इरादा है जनाब का?
ReplyDeleteनीरज
नहीं गुरूदेव.. दुबारा नहीं पूछेंगे.. :)
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