उडन तश्तरी अंकल कहते है "धरा बचाओ, पेड़ लगाओ".. जब उन्होंने कहा है तो मुझे कुछ तो सिखना पडे़गा.. तो उनकी बात पर अमल करते हुऐ मैं अब पौधों में पानी डालना सीख रहा हूँ.. मम्मी जब गमलों में पानी देती है तो मैं भी उनकी मदद करने पहुचँ जाता हूँ..
पसंद आया!!
mast hai bhaaI
ReplyDeletegood job hero...
ReplyDeletelove ya
पर्यावरण रक्षा के प्रति संकल्पित रहना ही चाहिये । धरती जूझ रही है इस संकट से । हम तुम ही न बचायेंगे । खूब पेड़ लगाओ ।
ReplyDeleteबहुत प्यारी बात कही है। शुभकामनाएं।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अबे साथ मै नहा भी ले, बहुत अच्छा
ReplyDeleteप्यार
धरा सुसज्जित होती जिनसे, वो ही वृक्ष कहाते हैं,
ReplyDeleteजो गौरव और मान बढ़ाते, वो ही दक्ष कहाते हैं। हरित क्रान्ति के संवाहक, ये जन,गण के रखवाले, प्राण प्रवाहित करने वाली, "आदि" समीर बहाते हैं।
बड़ी नाइंसाफी है - सारा काम तुमसे ही कराया जाता है! :)
ReplyDeleteवाह मेरे बबुआ!! शाबाश!! हमेशा याद रखना. :)
ReplyDeleteअरे कितनी तल्लीनता से पौधों की सेवा कर रहा है हमारा आदि !
ReplyDeletegrt...
ReplyDeletegood going....
"Go Green, Save World"...
वाह बेटा अब सही काम पकडा है. लगा रह इस काम में. एकाधा मग्गा खुद पर भी डाल लिया कर.:)
ReplyDeleteरामराम.
waah ye bahut badhiya kaam kar rahe ho aadi baba.
ReplyDeleteआदित्य आप बहुत ही अच्छा काम कर रहें है । पर इतना काम करके काफी थक गये होंगे न ? :)
ReplyDeleteघर में लगे हरेभरे पेड़ घर को स्वच्छ रखने के साथ साथ घर को सुंदर भी बनाते हैं..
ReplyDeleteखूब मजे करो..