Wednesday, September 30, 2009

धरा बचाओ, पेड़ लगाओ

उडन तश्तरी अंकल कहते है "धरा बचाओ, पेड़ लगाओ".. जब उन्होंने कहा है तो मुझे कुछ तो सिखना पडे़गा.. तो उनकी बात पर अमल करते हुऐ मैं अब पौधों में पानी डालना सीख रहा हूँ.. मम्मी जब गमलों में पानी देती है तो मैं भी उनकी मदद करने पहुचँ जाता हूँ..



















पसंद आया!!


14 comments:

  1. पर्यावरण रक्षा के प्रति संकल्पित रहना ही चाहिये । धरती जूझ रही है इस संकट से । हम तुम ही न बचायेंगे । खूब पेड़ लगाओ ।

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  2. बहुत प्यारी बात कही है। शुभकामनाएं।
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  3. अबे साथ मै नहा भी ले, बहुत अच्छा
    प्यार

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  4. धरा सुसज्जित होती जिनसे, वो ही वृक्ष कहाते हैं,
    जो गौरव और मान बढ़ाते, वो ही दक्ष कहाते हैं। हरित क्रान्ति के संवाहक, ये जन,गण के रखवाले, प्राण प्रवाहित करने वाली, "आदि" समीर बहाते हैं।

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  5. बड़ी नाइंसाफी है - सारा काम तुमसे ही कराया जाता है! :)

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  6. वाह मेरे बबुआ!! शाबाश!! हमेशा याद रखना. :)

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  7. अरे कितनी तल्लीनता से पौधों की सेवा कर रहा है हमारा आदि !

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  8. grt...
    good going....
    "Go Green, Save World"...

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  9. वाह बेटा अब सही काम पकडा है. लगा रह इस काम में. एकाधा मग्गा खुद पर भी डाल लिया कर.:)

    रामराम.

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  10. waah ye bahut badhiya kaam kar rahe ho aadi baba.

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  11. आदित्य आप बहुत ही अच्छा काम कर रहें है । पर इतना काम करके काफी थक गये होंगे न ? :)

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  12. घर में लगे हरेभरे पेड़ घर को स्वच्छ रखने के साथ साथ घर को सुंदर भी बनाते हैं..
    खूब मजे करो..

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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