इन दिनों बहुत सर्दी हो रही है, दिन भर घर में दुबका रहना पड़ता है.. स्वेटर, मोजे, टोपी पहनना और रजाई में दुबक जाना.. वैसे मजा़ तो आता है, पर कितने दिन? ऐसे तो कोई भी बोर हो सकता है न? ..सुबह आंटी के घर जाना और शाम को वापस आना ये ही घूमना होता था.. अरे ये क्या बात हुई..
बहुत दिन हुए अब सर्दी का तोड़ निकला है, पता है परसों (गुरुवार को) पापा के साथ में धूप में घूमने गया.. बहुत लोग मिले, बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे और कपूर आंटी स्वेटर बुन रही थी.. और मैं अपने प्राम मे लेटा मजे से धूप का आंनद ले रहा था..हाँ थोडी मक्खियां परेशान कर रही थी पर पापा थे न..
ये अनुभव अच्छा रहा, और अब मैं रोज दोपहर में घूमने जाऊगां.. पापा-मम्मी ऑफिस जायेंगे तो क्या.. आंटी और पुखराज भैया मुझे घूमाने ले जायेंगे.. और में लूगां गुनगुनी धूप के मजे़!!
(राज भाटीया अंकल, ये मुस्कराती फोटो आपके लिये)
हम भी अपनी बालकनी में पडे रहते हैं भैया खूब धूप आती है . और हमने सिर भी घुटा दिया है . बडा हल्का फील होता है :)
ReplyDeleteगुनगुनी धूप का खूब मजा लो इसमे विटामिन डी भी फ्री में मिलता है कल संडे है हम भी धूप का मजा लेंगे |
ReplyDeleteअरे यार, आधी सर्दी निकल गयी, तुझे अब पता चला है धूप कैसी होती है. तेरे पापा की खबर लेनी पड़ेगी.
ReplyDeleteवाह यार पल्टू दादा , आप तो अकेले अकेले धूप के मजे ले रहे हॊ ? अच्छा हुआ याद दिला दिया दिया अब मैं भी चला धूप मे !
ReplyDeleteरामराम !
" ओ धुप के मुसाफिर हमको भी साथ लेले , हम रह गये छावं में अकेले हा हा हा हा बहुत प्यारे हो आदि ..."
ReplyDeletelove ya
वाह! वाह!
ReplyDeleteधूप सेंकने की खुशी चेहरे पर दिखाई दे रही है. और मुस्कुराते हुए तो गजब लगते हो.
मै भी आपके साथ धूप सेकने चलूँगा, बस मुझे अपनी प्यारी आवाज़ से एक बार पुकार लेना. घर में सर्दी के मारे बोर होने से अच्छा है, बहार का गर्म मस्ती करना.
ReplyDeleteअरे पलटू मियां आज तो बहुत चहक रहे हो, लगता है तुम्हे घुमना अच्छा लगता हे, बेटा खुब घुमो.
ReplyDeleteप्यार
मजा लो खूब धूप का..सेहत के लिए भी अच्छा है.
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