मम्मी एक कटोरी में मेरा डिनर लेकर मुझे गोदी में बिठाकर खिलाने लगी.. पर ये क्या.. वो खुद के लिये एक संतरा भी लाई थी.. अच्छा मेरे लिये आलु और अपने लिये संतरा.. वैसे तो मुझॆ आलु पंसद है, पर संतरा भी तो नई चिज थी.. फिर क्या था.. मैनें संतरे की डिमांड रख दी.. और मेरी डिमांड तो पूरी होनी ही थी.. बहुत मजे ले कर खाया.. और आप मेरे चहरे के भावों से समझ सकते हो.. की ये था "कुछ खट्टा कुछ मीठा"
खट्टा
मीठा
तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र ना लगे !
ReplyDelete"बहुत प्यारे और चंचल हो गये हो आदि , तुमसे मिलना अच्छा लगता है ..."
ReplyDeletelove ya
आदि, खूब अच्छे से संतरा खाना। ठंड में विटामिन सी आपको सेहतमंद रखेगा। अच्छे से खाना, खूब बड़े होना..यूँ ही मुस्कुराना। खूबसूरत ब्लॉग के लिए आपके मम्मी-पापा को बधाई।
ReplyDeleteबच्चू संतरे बहुत अच्छे होते है, बॆता खुब खाओ. लेकिन समभल के कही कोई मोटा पीस मत फ़सां लेना गले मै.
ReplyDeleteप्यार
ये बात हुई न!! मम्मी अकेले कैसे चट कर सकती है संतरा. :)
ReplyDeleteखट्टा खा कर कैसा मूँह बनाया-बहुत प्यारा!!!