आपको तो बताया ही था कि मैं
आजकल दिन में आंटी के पास रहता हूँ.. और बहुत अच्छे से रहता हूँ. अब मैं मम्मी के बिना भी दिन में सो जाता हूँ, और आटीं से खाना भी खा लेता हूँ... जैसे-जैसे दिन तो बीत जाता है.... फिर तीन-चार बजे तक मम्मी भी आ जाती है.. मम्मी से खेल कर सो जाता हूँ.. मुझे इन्तजार रहता है शाम के छ: बजे का.. हाँ छ: बजे पापा आते है.. तो मैं काफी़ उत्साहित हो जाता हूँ.. और पापा की गोदी में जाने के लिये मचलने लगता हूँ.. और मेरी हूँ हूँ हूँ हूँ शुरु हो जाती है.. और पापा की गोदी में जाकर ही मानता हूँ..
गोदी में आने के लिये मेरा इशारा
और फिर शुरु होती है पापा के साथ unlimited मस्ती!!
और हाँ पापा की गोद में शू-शू करना मत भूलना . यह बहुत जरूरी काम है . समझते नहीं हो यार :)
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ReplyDeleteबढ़िया है.. और हाँ विवेक भइया की बात मत भूलना.. :)
बहुत सही...सबको हैरान कर डालो खेल खेल कर. :)
ReplyDeleteउठा लो यार .क्यों परेशान करते हो नन्हे मियां को ?
ReplyDeleteअबे पलटु पापा की गोद बहुत प्यारी लगती है ना, ओर जब पापा सर पे हाथ फ़ेरते हो गे तो हमारा पलटू मस्त होजाता हो गा, चलो अब ज्यादा मत ललचाओ पलटू को उठा लो भाई.
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