मुझे मजा आता है अपने हाथों से फूलों को छूना..
ये है मेरी बगियाँ के फूल..
पकड़ लो इन सबको...
पसंद आया!!
शरारत ऑफ द डे वैसे तो में पौधों को पानी मम्मी के साथ ही देता हूँ.. पर अब में खुद पानी देना सिख गया हूँ.. परसों मम्मी पापा हैरान हो गए.. जब में बाथरूम से खुद ही पानी से भरी बाल्टी और मग लेकर टेरस पर पहुँच गया.. और अपने नन्हे नन्हे हाथों से पौधों को पानी देने लगा.. वो भी बिलकुल सही तरीके से.. |
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*** तिहरा शतक ***
आपसे बातें करते करते १७ माह का यह सफर आज ३०० वीं पायदान पर पहुँच गया... इस सफर में साथ देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया..
धन्यवाद!!!
अरे बबुआ ! पहले तो ३०० वें पायदान पर पहुँचने के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ |
ReplyDeleteऔर देखा बगिया में पानी देने का कमाल कितने बढ़िया फूल खिले है बिल्कुल तेरे जैसे |
(बगिया में पानी देते तुम्हारी वो पोस्ट हमें याद है )
बाप रे बाप!! ३०० पोस्ट..समीर अंकल से भी आगे पहुँच जाओगे चंद दिनों मे..कितनी खुशी होगी मुझे....
ReplyDeleteबगीचे में पानी दे खूब सजाओ!!
wah bete.
ReplyDeleteअरे वाह, तीसरा शतक।
ReplyDeleteआप भी इन्हीं फूलों की तरह खिले एक बेहद खूबसूरत फूल हो आदित्य !
ReplyDeleteइनसे प्यार करो, सबसे प्यार करो !
तीन सौ का आँकड़ा - बढ़ते चलो !
इत्ते सारे फूल ... बीच में आदि कहां है...हम तो ढूंढ ही नहीं पा रहे !
ReplyDeleteतीसरे शतक की हार्दिक बधाई हीरो, और इन सारे रंग बिरंगे फूलो की बगिया में सबसे प्यार फूल तो आदि ही है न .....
ReplyDeletelove ya
arree aadi babu :) phool pakad ke todna nahi... aise hi roz khelna unke saath... tumhari tarah khoobsurat hain :)
ReplyDeleteआदि की बगिया आदि जैसी प्यारी,आदि लगे प्यारे फूल सा ,खिलती रहे यह फुलवारी :)
ReplyDeleteबधाई अब आगे ५०० पर बधाई देंगे.
ReplyDelete300वी पोस्ट की बहुत-बहुत बधाई आदि बेटा!
ReplyDeleteतुमने तो सहवाग को भी पीछे छोड़ दिया!
आदि बहुत प्यारे लग रहे हो। बधाई।
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