हेलो मम्मु!!
मेरी आवाज आ रही है.. जल्दी आओ!!
शरारत ऑफ द डे शाम को बाबा अपना खाना लेकर आये.. प्लेट में गरम गरम चावल थे.. मैंने आव देखा न ताव खाना खान करके अपना बायाँ हाथ गरम गरम चावल में दे मारा.. और मेरी रुलाई शुरू.. बाबा एकदम हक्के बक्के.. तुरंत मेरा हाथ नल के नीचे लगाया... फिर हाथ ठन्डे पानी से भरे मग में दाल दिया.. मेरा रोना अब भी बंद नहीं हुआ.. लेकिन बाबा को अब तक समझ आ गया की मेरा हाथ जला नहीं है.. फिर एक गीले नेपकिन में हाथ लपेट कर हम गैलेरी में मेट्रो और भो भो देखने गए... पांच मिनिट बाद वापस आये तो मेरी मुस्कान भी वापस आ गई थी... इसी को कहते है.. "कलेजा मुंह को आना' |
---|
मम्मू को बोलो जल्दी आये वरना पापा ऐसे ही करते रहेंगे..
ReplyDeleteशाबास!! पापा को समझा दो इतने दिन में कि मम्मी कितनी मुश्किल से मेरी देखभाल करती है!!
ReplyDeleteवेरी गुड,,, वरना तो पापा सोचते थे कि आदि के साथ कौन सा काम!! :)
हा हा हा हा हा हा ओये हीरो छोटी मोटी बातो से घबराते नहीं. chal woke up......मम्मा से बात करते देख अच्छा लगा.....
ReplyDeletelove ya
ममता की पुकार।
ReplyDeleteमम्मी की गुहार!!
O HO AADI YE KYA HUA , BADA DUKHA HOGA NAA!! MUMMY KO BOLO BAS AB JALDI SE JAO DEKHO DADA JI BHI GHABRA GAYE UNKO BHI DUKH LAGA HOGA .
ReplyDeleteTUMHARI FOTO BAHUT PYAARI LAG RAHI HAI, TUM KHUD HI ITANE PYARE HO , NAJAR NA LAGE, AB PAPA SE KAHO JALDI NAJAR UTAREIN:)
यार टोपा बहुत बढिया है मुझे भी चहिये
ReplyDeleteक्या बात है आदि भाई आप कि तो अदाये भी है निराली.
ReplyDeleteअब तो हाथ ठीक है ना? टोपा मस्त लग रहा है.
ReplyDeleteरामराम.
सही है इसी को कहते हैं."कलेजा मुंह को आना""
ReplyDeleteसच कहते है आदि के पापा, इसे कहते है कलेजा मुंह को आना
ReplyDeleteतो पापा से अपनी बातें इस तरह मनवाई जाती हैं ? बढ़िया !
ReplyDelete