एक काजू और उठा लो...
हाथ डब्बे में और नजर.. अरे वो ही तो आपको सोचना है..
इतना मगन.. अरे ये काजू कहाँ चले गए.. लगता है हाथ गलत जगह पड़ गया..
अरे ये ताब ताब कहाँ से आ गई..
पता चला.. ये देखो इस तस्वीर में... बाबू ठाठ से टीवी देख रहा है..
पसंद आया...
चलो यार तुम्हें देख -दिखा के कह सकते हैं कि कोई तो ब्लागर है .......जो इतने ठाट से ब्लागिंग कर रहा है....बिटवा सर्दी में ई ठाट जरूरी है ...खूब मस्ती करो...
ReplyDeleteये मौज!! क्या बात है...तेरी ताई तो हमें काजू छूने नहीं देती और टीवी, जो वो देखे वो ही देखना अलाऊड है..ताई आयेगी न तुम्हारे पास..तो उसे न टीवी दिखायेंगे और न कुछ खाने को देंगे.बस, हम और हमारा बबुआ...ऐसे ही... :)
ReplyDeleteमौजां ही मौजां हीरो.....
ReplyDeletelove ya
चित्रों में बहुत बढ़िया लग रहे हो जी!
ReplyDeleteवाह ! क्या मौज है !
ReplyDeleteजब तक स्कूल के चक्कर में ना पड़े तब तक खूब मौज ले ले प्यारे बच्चू :)
आदि यार ! ये टी वी वाला फोटू नहीं लगाना चाहिए था इसे तो पहेली ही बना देता " काजू खाते हुए आदि क्या देख रहा है ? "
ReplyDeleteऐश हैं !
ReplyDeleteआनन्दम आनन्दम
ReplyDeleteरोचक
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह जी आज तो आदित्य के ठाठ ही निराले है ।
ReplyDeleteवाह बेटा, ऐश हो रही है.. :)
ReplyDelete