अरे अरे आदि क्या यार अग्रेजो का स्टाईल बना रखा है, देशी तरीका अपना कुद जा टब मै तो पकड ले एक ही बार मै सारी बत्त्खे:), बहुत सुंदर लग रहा है बेटा, यह खेल बहुत सुंदर है,लेकिन वो ही बत्तख पकडना जो शाका हारी हो.वेसे ताऊ जी आदि तोडे अहिंसा कर रहा हे, वो तो कांटा पकड रहा है बत्ख को, आदि ने तो बस कांटे को पकडा है ना.... अहिंसा परमो धर्म:.
लगे रहिये खुटर पुटर में अहिंसक तरीके से .........गणपति बब्बा मोरया
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteतुम यहाँ बत्तख पकड़ रहे हो
ReplyDeleteऔर यहाँ तुम्हारी जलेबियाँ कितने लोग उड़ाकर ले गए!
मन को भाने नए दोस्तों का दिन आया : सरस चर्चा (14)
हाँ ये तो बड़ा मज़ेदार गेम खेल रहे हो ....
ReplyDeleteनन्ही ब्लॉगर
अनुष्का
पीली वाली तो पकड़ में नहीं आई!
ReplyDeleteपकड़ो..पकड़ो...!! सारी पकड़ लो.. :)
ReplyDeleteसही में बिलकुल अहिंसक खेल , प्रेरणादायक
ReplyDeleteबहुत खूब मज़े करो। आशीर्वाद।
ReplyDeleteaaj hame hasa rahe ho kal bare hokar jab ye dekhoge to khud bina hase nahi rah paoge ....
ReplyDeleteaur han yahan ki guarantee .... granted
jio puttar.....
कभी हमारे पास आओगे तो अहिंसक तरीके से मछलियां पकडना सिखायेंगे बस उसी दिन हम तुमसे बतख पकडना सीख लेंगे :)
ReplyDeleteवाह बेटा वाह, अब सीधे मछली पकडने की तैयारी मत करने लगना.:) याद रहे अहिंसा परमो धर्म:.
ReplyDeleteरामराम.
अरे अरे आदि क्या यार अग्रेजो का स्टाईल बना रखा है, देशी तरीका अपना कुद जा टब मै तो पकड ले एक ही बार मै सारी बत्त्खे:), बहुत सुंदर लग रहा है बेटा, यह खेल बहुत सुंदर है,लेकिन वो ही बत्तख पकडना जो शाका हारी हो.वेसे ताऊ जी आदि तोडे अहिंसा कर रहा हे, वो तो कांटा पकड रहा है बत्ख को, आदि ने तो बस कांटे को पकडा है ना.... अहिंसा परमो धर्म:.
ReplyDeleteअब बत्तख पकड़ने के साथ-साथ पढ़ना भी होगा!
ReplyDelete--
आपकी पोस्ट की चर्चा तो यहाँ भी है!
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http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/18.html
वाह तो एक बत्तख पकड़ ही ली :) बड़ा ही मुश्किल काम रहा होगा ये तो :)
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