देखो कितना सुन्दर लग रहा है...
देखिये.. रात में कितना सुन्दर लग रहा है पार्क... |
पता चला वहा "स्माइल फेस्टिवल" है.. तो हमने भी प्लान बना दिया वहा घूमने का...
और ये उसी जगह की फोटो दिन में... |
फिर क्या अपनी साइकिल उठाई और चल दिए... पता है उस दिन मैंने २ किमी से ज्यादा साइकिल चलाई..
और ये जो टी शर्ट पर सफेद निशान देख रहे है.. वो एंट्री पास है...
आपको मेरा घर दिख रहा है? वो पीछे...झील के उस पार.. रेड कलर की छत है न.. उस बिल्डिंग में.. और उसके आगे जो बड़ी बिल्डिंग दिख रही है उसमें है बाबा का ऑफिस..
वहाँ घूमते हुए हमें ये झूला दिखा.. हम भी लाइन में खड़े हो गए... हमारे पास टिकट नहीं था.. फिर भी अंकल में हमें चढ़ा दिया |
झूले में गोल गोल घूमते हुए बहुत सुन्दर नजारा दिख रहा था... |
आप कहोगे आदि साईकल कहाँ है.. वो भी तो लेकर गए थे... तो ये देखो नीचे खड़ी है मेरी साईकल.. |
और फिर ये खूबसूरत फव्वारा देख हम घर आ गए...
(SMILE FESTIVAL, BENJAKITI PART, BANGKOK, THAILAND)
ओये हीरो स्माइल पार्क के स्माइल से नजारे देख कर खूब मजा आया....
ReplyDeletelove ya
मज़े हो रहे हैं आदि ,ये साईकिल ,वो झूला और झील के उसपार वाला घर...वाव !
ReplyDeleteबहुत सही मजे चल रहे हैं.
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteआदि मुंह मै क्या पान डाल रखा है, ध्यान से देख अपनी फ़ोटू, बाकी यार हमे भी बुला लेता तो हम भी घुमलेते तेरा यह मेला, सुन मुनिख मै लगा है दुनिया का सब से बडा मेला, चल जल्दी से आ जा फ़िर हम सब मिल कर जायेगे वहां, बहुत प्यार आदि को
ReplyDeleteआदि, अंदर से तो तेरा घर रोज ही दिखाता रहता है. आज बाहर से भी दिखा दिया यह अच्छा किया, अब वहां पहुंचना आसान रहेगा. मैं आरहा हूं उस लाल वाली बिल्डिंग में.
ReplyDeleteरामराम.
क्या बात है बिना टिकट के झूला ........... वाह आदि वाह
ReplyDeletewah-wah kya baat hai...
ReplyDeleteवाह, घूमने का मजा ही कुछ और है.
ReplyDeleteToo cool, Adi!!! God bless you always, Guddu ji!
ReplyDeleteवाह आदि..खूब मजे किये...चलो इसी बहाने हम तुम्हारा घर कहाँ पर है, वो भी देख लिए :) और पार्क तो बहुत मस्त है यार.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर नजारे हैं!
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आपकी पोस्ट की चर्चा "बाल चर्चा मंच"
पत्रिका पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/19.html