वैसे तो हम बैंकोक में केवल ६ माह के लिए आये थे.. पर सोचा की आदि का प्री स्कुल यहाँ शुरू कर देगें.. पर अप्रेल - मई में बैकोंक में सब कुछ सामान्य नहीं था.. सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे थे.. तो बेहतर था की स्कूल शुरू न किया जाए.. मई अंत तक में ये सब ठीक हुआ तो समर ब्रेक के लिए स्कुल बंद हो गए.... और जुलाई में जब स्कूल खुले तो आदि का स्कुल भी शुरू हो गया... तीन महीने के लिए.. सोचा "कुछ नहीं" से "कुछ" अच्छा है.... आदि ने स्कुल जाना शुरू कर दिया.. कभी रो कर कभी बिना रोये... (खुश होकर नहीं).... बीच में काफी छुट्टियाँ रही.. तो आदि स्कुल के माहोल में ढल ही नहीं पाया... पहले स्कुल पहुँच कर रोता था.. फिर स्कुल की गली में पहुंचते ही... और धीरे धीरे नहाने पर भी रोने लगा... उसे समझ आ गया.. की स्कूल का पूरा कार्यक्रम नहाने से शुरू होता है... ये सब देख हमने तय कर लिया की सितम्बर से स्कूल नहीं भेजेगें.. जब वो एन्जॉय नहीं कर रहा तो उसका कोई मतलब नहीं.... और बात केवल एक माह की थी.... स्कूल में भी खबर कर दी... लेकिन अगस्त के अन्त्तिम दिनों स्कूल काफी नियमित रहा और आदि भी एन्जॉय करने लगा... आराम से तैयार होता.. अपनी साइकिल लेकर स्कूल के लिए निकल पडता... और रोना बिल्कुल बंद हो गया... और जब आदि एन्जॉय करने लगा तो फिर स्कूल भी जारी रहा... अंतिम माह में आदि ने स्कूल में बहुत मस्ती की.. और बहुत कुछ सीखा.. अब अंग्रेजी में बात करने लगा है..:) "Come, Go, Yes, No, Here, Down,..." और ऐसे कई शब्द बोल अपना काम निकाल लेता है... इस सप्ताह स्कूल की छुट्टी है... मिड टर्म ब्रेक.. और अगले सप्ताह "chang mai" घूमते हुए भारत वापसी... 7 अक्टूबर को दादा दादी के पास जोधपुर पहुँच जाएगा आदि...
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अंतिम दिन थोड़ा स्टाइल मार के.... |
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वो लाला है.. एक दिन पहले उसे "काट" खाया था... जाते जाते उसे भी "सोरी" |
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येलो टी शर्ट में कविता मेडम है.. बस पुरी स्कूल में ये ही हिंदी जानती थी.. मेरी बात समझती थी.. |
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ये मेरी क्लास... |
शनिवार को आदि स्नेक फार्म देख कर आया... कल मिलते है.. स्नेक के साथ..
आदि ने तो वहाँ बहुत मस्ती की...अब इण्डिया में..स्वागत है.
ReplyDeleteअपनी साइकिल अपना चश्मा जोधपुर वापस ला रहे हो ना ? वो होंगे तो स्टाइल तो कहीं भी मार सकोगे है ना :)
ReplyDeletewaah kya style bhai hai :)
ReplyDeleteआदि वहां की स्कूल मिस करेगा.
ReplyDeletewelcome to India
ReplyDeleteOh Yaron ye India Bula liya
इंडिया में स्वागत है आदि का !!
ReplyDeleteअंग्रेजी तो स्कूल में सीख लेगा पर मारवाड़ी बोलना जोधपुर दादा दादी के पास रह कर ही सीख पायेगा
ReplyDeleteअरे रंजन साहिब!
ReplyDeleteपाँच वर्ष से कम के बालक को
स्कूल नहीं भेजना चाहिए!
आदि अब एक ही पक्के स्कुल मे दाखिला लेना, ओर इन सब को नमस्ते बोल दो, मै भी आ रहा हुं भारत मे तुम से मिलने के लिये, वही मिलेगे तुम से
ReplyDeleteस्वदेश वापसी पर स्वागत है मित्र !
ReplyDeleteऔर हाँ कविता मैडम को हमारी नमस्ते कह देना ।
"आदित्या" तो बहुत सुंदर लग रही है!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लगे चित्र।
ReplyDeleteबहुत सुंदर चित्र, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
सुन्दर चित्रों के साथ बेहतर प्रस्तुतीकरण!
ReplyDeleteचलो, एक अच्छा अनुभव रहा...अब अपना देश, अपने लोग, अपनी भाषा के बीच अपने संस्कार पायेगा....शुभकामनाएँ..एक महिने में सेट हो लो तो हम पहुँचे ११ नवम्बर को!!
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