मैं अपने आप नहायेगा...
मैं अपने आप पहनेगा...
मैं अपने आप उतरेगा..
मैं अपने आप चलायेगा..
मैं अपने आप बंद कर लेगा..
मैं अपने आप खायेगा..
आदि की ये "अपने आप" पुराण 'गद्य' लिखते लिखते 'पद्य' बन गई.... और फिर उड़नतश्तरी मैं बैठ कनाड़ा जा कर समीर अंकल से पालिश भी करवा आई...
नहाने में क्या कला है, आदि अपने आप नहायेगा
जानता है शॉवर चलाना, आपको उससे दूर हटायेगा
मुझे पहनना है जो अपना टीशर्ट या फिर कोई शार्ट
आप बैठिये आराम से, हम खुद पहन कर बतायेगा
बाँधना मत मेरे सेंडुल का चटपट करता वो वेल क्रो
जो बाँध दोगे अगर, तो हम खुद खोल कर लगायेगा.
खुलता है छाता बटन दबाते ही, बचा लेता भीगने से
लाईये छाता मुझे पता है, उसको हम खुद ही छवायेगा.
सोचते हो कि मदद बिन तुम्हारे, उतर न पाऊँगा सीढ़ी
नहीं चाहिये मदद किसी की, मैं अपने से उतर आयेगा.
टीवी का रिमोट हो चाहे डी वी डी का रिमोट दो मुझको
जानता हूँ दबाना ओके, इसे तो बिना देखे भी दबायेगा.
चढ़ाई हो चाहे जितनी कठिन, मन में मेरे है ताकत इतनी
दूर रहो न बढ़ाओ अपने हाथ, मैं हिम्मत से चढ़ जायेगा.
चले जो संग मेरे शॉपिंग को, चाहे बाबा हो या चाहे मम्मु
भरते चलो ट्राली में वजन, आदि ताकत से उसे चलायेगा.
कार हो या फिर हो टुक टुक का वाहन, चढ़्ना तो पड़ता है
नहीं मुझे दरकार किसी की इसमें, आदि दौड़ के चढ़ जायेगा.
और जो चढ़ा है आदि खुद अपने आप दौड़ कर इस पर
फिर सोचना कैसा, स्टेशन आयेगा तो खुद उतर के बतायेगा
क्यूँ परेशान होते हो आप यूँ, दरवाजा बंद करने की खातिर
कार का हो या घर का, बंद करना तो अब आदि सिखायेगा
संतरा चढ़ा ले चाहे कितनी भी मोटी चमड़ी अपने आप पर
आदि को सब पता है, आराम से छिल कर उसको खायेगा.
लेकिन दूधू की बोतल मैं, खुद कभी न पकडूँगा..
वो तो मम्मु हो पकड़ेगी, वो ही दूधू पिलाएगी..
अपने आप लिए फोटो का नमूना...
आदि और समीर अंकल की जुगलबंदी तो बहुत खूब है!!! :-)
ReplyDeleteबिलकुल ठीक मैं अब बड़ा हो गया है :)
ReplyDeleteहा हा हा हा ओये हीरो समीर अंकल ने खूब पालिश की है, हमे तो खूब पसंद आई.....
ReplyDeletelove ya
अपने आप ही सब करना पडता है जो तुम बहुत जल्दी सीख गये . फोटो बहुत क्लास खीचा है तुमने
ReplyDeleteoh adi... sameer uncle ne to kitni achhi kavita bana di.... bahut pasand aayee mujhe
ReplyDeleteशुभकामनाएँ....!!
ReplyDeleteमैं..मैं..मैं..मैं... लगता है समझ बढती जा रही है. बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
सही है वीरू
ReplyDeleteशुभकामनाएँ....!!
ReplyDeleteबहुत खुब आदि भाई लगता है अब आदि बहुत बडा हो गया है, आज तेरे बाल बहुत चमक रहे है क्या बात है किसी गर्ल वगेरा से मिलने तो नही जा रहा:)
ReplyDeleteबहुत खूब, स्वाबलम्बी आदि।
ReplyDeleteफोटो भी आपे खींच कर लगायेगा..ये तो नहीं बताया था भाई...:)
ReplyDeleteसही है आदि, समीर चचा से लिखवा ही लिया न आपने लिए ये कविता....रुको तुमको देखते हुए हम भी कभी लिखवा लेंगे कुछ...
ReplyDeleteक्यूँ चाचा, लिखियेगा न मेरे लिए भी :D
फोटो बहुत सुन्दर खीची है....
ReplyDelete@अभिषेक:
ReplyDeleteपात्रों के नाम तो बताओ, अब तो लिख ही देंगे. :)