मम्मु आदि के लिए मेगनेट के फ्लेग लाई.. और आदि उन्हें तुरंत पहचानने लगा.. आदि की मीठी मीठी बोली.. और उसकी बातें.. दिवाना बना दे... 7 मिनिट का ये विडियो.. समझ नहीं आया कहाँ से छोटा करें...
हमारा मानना है कि ऐसी ऐसी चीजें सिखाने के लिए बच्चे को हम एक साल लगे रहते हैं जिनकी फिलहाल कोई उपयोगिता नहीं होती । और बड़े होकर जो एक हफ्ते में सीखी जा सकती हैं । इससे बच्चे पर अनावश्यक दवाब ही बनता है । बचपन में कटौती होती है और ऐसी जानकारी को उसे दोहराते रहना पड़ता है अन्यथा वह भूल जाता है । इससे बच्चे का शारीरिक विकास प्रभावित होने की आशंका रहती है ।
हम आपको कोई भाषण नहीं दे रहे । बस आदित्य से हमें लगाव है इसलिए चाहते हैं कि उसके साथ कुछ भी ऐसा न हो जो नहीं होना चाहिए । वह तेज तर्रार होशियार बनने के साथ ही खूब लम्बा तगड़ा जवान भी बने । और हाँ शाबाश आदि !
आदि तुम तो बहुत होशियार निकले! तुम्हारे उम्र में तो मुझे पता ही नहीं था! वाह बहुत खूब! यूँ ही मन लगाकर पढ़ते रहो और पापा मम्मी की बात हमेशा सुनते रहना!
बहुत सुंदर आदि बेटे यह तारीका बहुत ही सुंदर है, ओर अभी की यह बाते हमेशा याद रहती है, मेने अपने बच्चो को हिन्दी पढनी इसी उम्र मै सिखाई थी, वो आज तक नही भुले, आज भी जोड तोड कर साफ़ हिन्दी पढ लेते है, शाबास बेटे
another 2 more years ranjan we all will fight for the custody of adi like vivek i also have many times said so many things to you but its because you have shared adi with us
शाबाश मेरे चीते..!!
ReplyDeleteबाय द वे ये ब्राज़ील से क्या कनेक्शन है????
और हाँ आदि की दो स्टाइल बड़ी मस्त लगी एक तो सोचने का स्टाइल.. और दूसरा हांगकांग बोलने का,,
बढ़िया प्रस्तुति .......
ReplyDeleteजाने काशी के बारे में और अपने विचार दे :-
काशी - हिन्दू तीर्थ या गहरी आस्था....
झंडा कहीं का भी हो ... झंडा ऊंचा रहे हमारा
ReplyDeleteउम्र से अधिक पढाई .. बच के रहो पापा से !!
ReplyDeleteहमारा मानना है कि ऐसी ऐसी चीजें सिखाने के लिए बच्चे को हम एक साल लगे रहते हैं जिनकी फिलहाल कोई उपयोगिता नहीं होती । और बड़े होकर जो एक हफ्ते में सीखी जा सकती हैं । इससे बच्चे पर अनावश्यक दवाब ही बनता है । बचपन में कटौती होती है और ऐसी जानकारी को उसे दोहराते रहना पड़ता है अन्यथा वह भूल जाता है । इससे बच्चे का शारीरिक विकास प्रभावित होने की आशंका रहती है ।
ReplyDeleteहम आपको कोई भाषण नहीं दे रहे । बस आदित्य से हमें लगाव है इसलिए चाहते हैं कि उसके साथ कुछ भी ऐसा न हो जो नहीं होना चाहिए । वह तेज तर्रार होशियार बनने के साथ ही खूब लम्बा तगड़ा जवान भी बने ।
और हाँ शाबाश आदि !
very interesting
ReplyDeleteधन्यवाद विवेक जी..
ReplyDeleteऐसी बातें सदा ही उपयोगी रहती है.. और सजग बनाती है.....
निश्चिंत रहीये. आदि को लंबा तगड़ा जवान बनने के लिए सारे अवसर पैदा किये जायेगें..
रंजन
आदि तुम तो बहुत होशियार निकले! तुम्हारे उम्र में तो मुझे पता ही नहीं था! वाह बहुत खूब! यूँ ही मन लगाकर पढ़ते रहो और पापा मम्मी की बात हमेशा सुनते रहना!
ReplyDeleteवाह आदि क्या बात है...हमें तुम्हारी उम्र में पता नहीं था इतने फ्लैग्स के बारे में...शाबाश..
ReplyDeleteऔर वैसे सच में बताओ ब्राजील से क्या कनेक्सन है यार? :)
बढ़िया!
ReplyDeleteआदि प्यारे, बगावत करो...इस उम्र में सीखने का काम नही करना, तुम तो सिर्फ़ सिखावो.:)
ReplyDeleteरामराम.
शाबास।
ReplyDeleteब्राजील............ भाई फ़ुटबाल खिलाडी बनोगे क्या
ReplyDeleteवैसे आदि मुझ से ज्यादा होशियार है मै तो बहुत से देशो के झंडे पहचानता ही नही .
ब्लागिग के एक फ़ायदा हर देश मे एक ना एक अपना अंकल मौजूद है .
समीर अंकल कनाडा , राज अंकल जर्मनी ................
अई शाबास !
ReplyDeleteबहुत सुंदर आदि बेटे यह तारीका बहुत ही सुंदर है, ओर अभी की यह बाते हमेशा याद रहती है, मेने अपने बच्चो को हिन्दी पढनी इसी उम्र मै सिखाई थी, वो आज तक नही भुले, आज भी जोड तोड कर साफ़ हिन्दी पढ लेते है, शाबास बेटे
ReplyDeleteanother 2 more years ranjan we all will fight for the custody of adi
ReplyDeletelike vivek i also have many times said so many things to you but its because you have shared adi with us