Wednesday, July 28, 2010

डरना मना है...

कल कमरे में एक कोकरोच मिला... मैं कमरे में अकेला था... कोकरोच कौने में था.. फिर क्या हुआ...

सिंपल.. मैंने कोकरोच को उठाया और बाहर ले आया... मम्मु को दिखाया.. दादा-दादी को दिखाया... आप देखोगे... डरना नहीं!!



बिल्कुल नहीं डरना... मरा हुआ है....


दादा दादी....

सोमवार की रात मुझसे मिलने दादा दादी बैंकोक आ गए.. अब दिन भर दादा दादी के साथ मस्ती करता है..


मेरी स्कुल की भी छुट्टी है....और दादा दादी भी आये है.. खुब घूमेंगे... मौज करेंगे!!

7 comments:

  1. कल ऐसे ही शेर को मूँछ से पकड़कर उठायेगा आदि। वाह हीरो।

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  2. वाह बेटा बहुत बहादुर हो गये हो। मुझे लगता है डाक्टर बनोगे। बहुत बहुत आशीर्वाद

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  3. Bahut achhi photos.....
    beta bahadur hai... Dada dadi ke saath khoob masti karu beta yahi to din hai bachpan ke...

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  4. हहा ...निर्मला कपिला जी की बात में दम लग रहा है !

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  5. सच कहु तो मुझे काकरोच से बहुत डर लगता है . थोडी बहादुरी मुझे भी दे दो

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  6. यार काकरोच से तो मुझे भी डर लगता है. लेकिन तूने तो गज़ब कर दिया. हीरो है यार तू तो.

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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