घर के पास ही मेट्रो स्टेशन है, एक नहीं दो-दो.. गलियारे और बालकानी में खडें हो तो "मेट्रो रानी" सर्राटे से भागती दिखती है.. पर मुझे मेट्रो में घूमाने अब तक कोई नहीं ले गया...:)
पुखराज भैया कि बहुत इच्छा थी मेट्रो में बैठने की, दिल्ली आये और मेट्रो में नहीं बैठे, क्या कहेगें गाँव में जाकर!! उनके गाँव जाने का समय करीब आ रहा था, पर पापा इन दिनों अक्सर टूर पर रहते है और वक्त ही नहीं निकाल पा रहे थे.... आखिर जब 4 मार्च को पापा कन्याकुमारी गये हुये थे तो हमें मेट्रो घूमाने का जिम्मा मम्मी ने उठाया.. मम्मी मुझे और पुखराज भैया को साईकल रिक्शा पर ले द्वारका सेक्टर १२ मेट्रो स्टेशन पर गई, मैं तो साइकल रिक्शा पर पहली बार ही सवारी कर रहा था, और ज्यादा जानता नहीं हूँ, आपको ज्यादा जानकारी ज्ञान अंकल यहां दे रहे हैं..
साईकल रिक्शा की सवारी के बाद हम मेट्रो स्टेशन पहूँचे, मम्मी ने केवल पुखराज भैया का टिकट लिया, मैं तीन फीट से छोटा हूँ इसलिये फ्री..
मम्मी ट्रेन अब आयेगी?
कौन तेज होर्न बजाता है, मुकाबला मेट्रो से..
बहुत मुश्किल से जगह मिलती है बैठने को, खैर पैसे गिन लूँ, वापसी का टिकट तो दिलाना है न?
मेट्रो की पहली यात्रा द्वारका स्टेशन पर जाकर खत्म हुई....
-:खुशखबरी:-
स्कोर बोर्ड की गड़बडी से जरा देर से पता चला की समीर अंकल मेरे ब्लोग पर कमेंट्स का सैकड़ा लगा चुके है, शानदार १०७ कमेंट्स के साथ...
तालियां
और सीमा आंटी बस एक टिप्पणी दूर है शतक से....
दोनों को बहुत धन्यवाद!!!
THANK YOU SAMEER UNCLE!!!
THANK YOU SEEMA AUNTY!!!!!!
"ओये हीरो मेट्रो की सैर कैसी रही.......मुकाबले में तो आप ही जीत गये वो तो दिख ही रहा है हा हा हा हा हा हा हा ह और हाँ ये लो बेटा जी हमने भी शतक पूरा किया......आपकी बधाई का दिल से शुक्रिया"
ReplyDeleteLove ya
और आपके समीर अंकल जी को भी हमारी तरफ से बधाईया..."
ReplyDeleteRegards
gud bada hi maza aya hoga re. ham bhi man ko metro main lekar jayenge. tum bahu hi acche lag rahe ho...
ReplyDeleteमेट्रो बढ़िया है न ..:)
ReplyDeleteअरे वाह! मेट्रो की सैर कर ली.. इतनी जल्दी.. हम तो कितने सालो बाद कर पाए थे.. वैसे टिप्पणियो में तो हम भी सिल्वर जुबली मनाने वाले है..
ReplyDeleteसमीर अंकल सेन्चुरिहा हैं टिप्पणी के मामले में। इत्ती देर कैसे कर दी सैंकड़ा मारने में! :)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आदि ।
ReplyDeleteखूब मस्ती हो रही है । :)
क्यों छोटे मियां होली की तैयारी कर रहो हो न । :)
गुलाल का एक टीका हमारे तरफ से लगा लेना ...छुटकू जी ..
ReplyDeleteआपको होली की शुभकामनाएं.
नीरज
बहुत सुंदर ... आखिर मेट्रो पर भी चढ लिया ...होली की ढेरो शुभकामनाएं।
ReplyDeleteयार पल्टू तू भी दिन पर दिन नये नये काम करता जारहा है. आज मेत्रो मे बैठा है कल कहेगा बस मे बैठूंगा. चल बैठ ले यार..मजा तो खूभ आया होगा?
ReplyDeleteरामराम.
अरे यार हम भूल गये थे. सेंच्युरी लगाने की समीर अंकल और सीमा आंटी को बधाई. और ये हमारी भी अर्धशतक पूरा हुआ यार. तू भी क्या याद रखेगा. अब सबसे पहले शतक हम लगायेंगे.:)
ReplyDeleteरामराम
एक बाल्टी तलाशना
ReplyDeleteफिर उसमें पानी डालना
देखना उसमें चेहरा
नहीं मिलेगा पहरा
रंग हो कितना भी गहरा
देखते ही छूट जाएगा
मुस्कान मेरी हंसी तेरी
लुट जाएगी, लूट ही जाएगी
गुब्बारा मारने पर इस बार
पुलिस पकड़ने चली आएगी।
अरे वाह आदि, तुम तो मेट्रो में भी घूम आये भई हम तो अभी तक मेट्रो में नहीं बैठ सके ! कभी हमें भी सैर कर देना मेट्रो की |
ReplyDeletevaah betu lal..
ReplyDeletemetro bhi ghoom liye aur rikse ki savari bhi ho gayi.. :)
badhiya hai..
are, ham to badhayi dena hi bhul gaye sameer uncle aur seema aunty ko.. :)
ReplyDeleteअबे पल्टू यार क्या बात है बहुत डरे हुये हो... अरे मत डरो यार चल समीर अंकल को बधाई
ReplyDeleteओर तुम्हे बहुत बहुत प्यार
पलटू और पलटुके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है
ओये पल्टू,
ReplyDeleteमेट्रो में बैठ लिया, इस खडूस को याद भी नहीं किया. जल्दी ही इन्द्रप्रस्थ से सीधे एअरपोर्ट पहुँचने वाले हो.
आ रहे हैं हम भी उधर ही.
और ट्रेन तो तूने दिखाई ही नहीं.
क्या क्या हो गया...आदि मेट्रो में घूम आया और हमने सैकड़ा भी लगा दिया और हमें अब खबर लग रही है. :)
ReplyDelete