खेल बहुत अच्छा लगा. हमारी अम्मा भी हमें ऐसे ही खिलाती थी.आश्चर्य कि इतने बड़े भारत में बच्चों के साथ माँ के खेलों में कितनी समानता. भाषा जरूर बदल जाती है. आशय और विधि एकदम सामान.
आदि गुम्शुदाआआआआअ ....................जाओ जरा ढूंड के लाओ , के जाने कहां आदि खो गया हा हा हा हा हा हा हा ........... ओये हीरो एक बात बताओ.....ये तुम्हरी " mother in law" का क्या चक्कर है हाँ...पिछली पोस्ट पर उनका कमेन्ट हमने तो पढ़ लिया जी हा हा हा ...."तुम लाख छुपाओ .......आदि मगर हमको तो पता चल जायेगा
अरे आदि ! पोस्ट का शीर्षक देख कर तो होश ही उड़ा दिए भई | वैसे ये खेल हमने भी अपने बचपन में खूब खेला और बड़े होने के बाद अक्सर छोटे बच्चो को यही खेल खिलाते थे बड़ा मजा आता है न ?
खेल बहुत अच्छा लगा. हमारी अम्मा भी हमें ऐसे ही खिलाती थी.आश्चर्य कि इतने बड़े भारत में बच्चों के साथ माँ के खेलों में कितनी समानता. भाषा जरूर बदल जाती है. आशय और विधि एकदम सामान.
ReplyDeleteaare waah aadi mummy ke saath khel raha hai:)kher kha lena:)
ReplyDeleteआदि गुम्शुदाआआआआअ ....................जाओ जरा ढूंड के लाओ , के जाने कहां आदि खो गया हा हा हा हा हा हा हा ........... ओये हीरो एक बात बताओ.....ये तुम्हरी " mother in law" का क्या चक्कर है हाँ...पिछली पोस्ट पर उनका कमेन्ट हमने तो पढ़ लिया जी हा हा हा ...."तुम लाख छुपाओ .......आदि मगर हमको तो पता चल जायेगा
ReplyDeletelove ya....
अरे यार पल्टू, तेरी पोस्ट का हैडिंग देख कर तो जान ही निकल गई थी. यार तू खेल पर ताऊ के साथ मजाक मत किया कर अभी से.:)
ReplyDeleteरामराम.
चलो अच्छा है वापस मिल तो गये..
ReplyDeleteहम तो भागे आये कि आदि राम कहाँ गुम गये..पता चल रहा है कि मम्मी के साथ खूब खेला जा रहा है...गुदगुदी लगने वाली है सोच कर हंस देते हो यार!!! :)
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा!!
आदित्य का पूरा परिवार निरपेक्षता की सुन्दरता लिए हुए है.
ReplyDeleteसुन्दर :)
ReplyDeleteबच्चों का बचपन याद आ गया...बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
ReplyDeleteनीरज
अरे आदि ! पोस्ट का शीर्षक देख कर तो होश ही उड़ा दिए भई | वैसे ये खेल हमने भी अपने बचपन में खूब खेला और बड़े होने के बाद अक्सर छोटे बच्चो को यही खेल खिलाते थे बड़ा मजा आता है न ?
ReplyDeleteमत घुमो यार बस खीर खायो ..
ReplyDeleteअभी से खीर के दीवाने हो मियाँ
ReplyDeleteअबे पलटू यार हमारी मां भी ओर हम भी अपने बच्चो के संग यही खेल खेलते थे.... देखा अब तुम भी खेलते हो... बहुत अच्छा लगता है ना..
ReplyDeleteचलो खुब खेलो...
प्यार