Sunday, March 8, 2009

मेरी पहुँच ऊपर तक है..

इतने महिने सोते हुऐ और बैठे हुऐ गुजार दिये... अब जाकर खडे़ होना सीखा है.. और जब खडे़ होना सीख लिया तो बैठना काहे को.. और अब तो मेरी पहुँच ऊपर तक हो गई है.. देखिये ये विडियो.. (अवधि - १.१२ मिनिट)


कितनी बढ़ गई है न मेरी पहुँच!!

बनोगे मेरे दोस्त? बस यहाँ क्लिक करें..

9 comments:

  1. vah vah aadi bhai ab mama ki shamat aayee samjho apni pahunch ka istemaal jara sambhal kar karna bahut bahut ashirvaad

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  2. चोकलेट से पेट नहीं भरता! अब तो फ़ोन भी करने लगोगे. आशीर्वाद.

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  3. अरे यार पल्टू मैं तो हैडिंग देख कर चौंक ही गया था कि भई ये पल्टू की इतनी ऊंची पहुंच इतनी जल्दी कैसे हो गई? पर अब समझ मे आगया,:)

    लगा रह . जल्दी २ ब चलना शुरु करदे.

    रामराम.

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  4. अपनी उंची पहुंच के जरिए ... मेरा भी कुछ काम करवा दो न ।

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  5. संगीता आंटी, दो टोफी ्मिली थी, एक आपको दे सकता हूँ... और क्या काम होते है?

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  6. अरे यार पल्टू मै तो समझ रहा था कि कहीं तू अशोक गहलोत से मिल आया !

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  7. aare waah badi upar tak pahunch hai aadi babaki,tofi ke liye papa se hamari bhi sifarish kar de aap:)bahut achhe lag rahe hai aadi aap video mein.

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  8. पलटू यार, मेने तो सोचा था कही सोनिया ओर मनमोहन जी आप से मिलने आ गये...:) लेकिन बेटा तेरी पहुचं तो उस से भी ऊपर निकली, अब ममी पापा को बोलना मेज पोश, ओर जहा तक तेरी पहुच हॊ वहा तक कोई लडकने वाला कपडा ना हो, वरना सारा समान तो गिरे गा, लेकिन कही राजा बेटा को कोई चोट ना लग जाये, ओर यह टुटु वाला संगीत भी बहुत अच्छा लगा.
    प्यार ओर प्यार

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  9. पहुँच तो बहुत उपर तक बना ली है. फोन नहीं चख कर देखा??

    मजा आ जाता है तुमको बदमाशी करते देख कर-आखिर कम्प्यूटर पर देखते है न!!! असल तो मम्मी से पूछो. :)

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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