Monday, August 25, 2008

आरुशी दीदी कान्हा बनी थी.

कल हम आरुशी दीदी से मिलने गये.. दीदी मुझसे थोड़ी ही बड़ी है.. केवल ३-४ महीने.. मुझे देख कर दीदी बहुत खुश हो गई.. प्यारा सा छोटा भैय्या जो मिलने आया था..

कल जन्माष्टमी थी.. दीदी ने बहुत सुन्दर कपडे़ पहने और मोर मुकुट भी लगाया, बिल्कुल कान्हा जैसे.. देखो कितनी सुन्दर लग रही है दीदी..


अब आपको दुसरी बात बताता हुँ.. दीदी अपना मुकट खोल कर मेरे साथ खेलने लगी..

हम दोनों बहुत अच्छे से खेल रहे थे..



फिर अचानक दीदी ने मेरा शर्ट पकड़ लिया
मुझे गुस्सा आया, मैनें भी दीदी का कुर्ता पकड़ लिया...

फिर तो दीदी बहुत रोई .. बहुत देर तक चुप ही नहीं हुई.... सॉरी दीदी.. पर मेरी कोई गलती नहीं थी..

7 comments:

  1. Chota baccha,

    bhut pyara lag raha hai...

    c u aadi...

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  2. वाह!!! बेहतरीन पोस्ट। बधाई स्वीकारें।

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  3. hmm....yeh to kishan balram ki jodi lag rahi hai...ha ha ha

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  4. दीदी को रुलाते थोड़ी हैं आदि-वो तो खेल में शर्ट पकड़ रहीं थी और आपके मूँह पर गुस्सा तो देखो-इत्ता तेज-बाप रे!!!

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  5. धन्यवाद.. आशा आँटी, और अनुरंजन, जितेन्द्र, राजीव, fly और उडन तश्तरी अंकल..
    fly uncle आप बहुत दिन से आये.. मुझे आपकी चिन्ता हो रही थी...

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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