Thursday, August 28, 2008

बछ बारस के बारे में सुना है ?

आज बछ बारस है। आपने कभी इसके बारे में सुना है ? मैंने तो आज ही सुना . सुबह-सुबह ही दादी का फोन आ गया.. और दादी ने मम्मी को कहा, "आज गाय और बछड़े की पूजा करनी है और आदि को भी तिलक लगा कर लड्डु खिलाना है। "
बछ बारस के पीछे कुछ दंत कथाएं है। ज़्यादा तो किसी को पता नहीं पर मधु मासी ने बताया कि किसी ने गलती से बछड़े की हत्या कर दी.. इससे गाय को बहुत दुख हुआ.. और तब से गाय बछड़े की पूजा करते हैं और चाक़ू को नहीं छूते। साथ ही सभी मातायें अपने बच्चों की पूजा कर सलामती की दुआ करती हैं. इसके बारे में और जानकारी पता लगा कर आपको विस्तार से कभी बताऊँगा ।
ख़ैर ! मेरी भी पूजा हुई (वो नहीं जो आप समझ रहे हैं).. तिलक लगा, लेकिन लड्डु नहीं मिला। मम्मी ने बस थोड़ी सी शहद से मुँह मिठा करा दिया.. कुछ तो नया टेस्ट करने को मिला..
आज तो मैं दिन में अधिकतर सोता रहा.. शायद दवा का असर था.. पर शाम को जम कर खेला.. और हाँ चूँकि आज शहद खाई थी तो शाम को ख़ूब जीभ निकाल कर दिखाई..

6 comments:

  1. अरे तिलकधारी बबुआ कित्ता प्यारा लग रहा है, शहद खाकर जुबान निकाले !! खूब बदमाशी छूट रही है न!!टीका भी पोंछ दिया शैतानी में??

    हमारी मिठाई रख लेना-जब भारत आयेंगे अपने बबुआ से मिलने, तब खायेंगे. :)

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  2. बछ बारस के बारे में हमें तो मालूम ही नहीं था-अच्छा किया बता दिया वरना कोई पूछता तो कुछ जबाब ही न दे पाते.

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  3. वत्सद्वादशी के बारे में खूब जानते हैं। पर आप से ही सुनेंगे जब आप बताएँगे।

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  4. उडन तश्तरी अंकल, ये टीका मैने नहीं मिटाया है... मै तो बस इसे छुकर स्वाद लेने की कोशिश कर रहा था... मम्मी मे मिटा दिया.. :(

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  5. बछ बारस के बारे में पहली बार सुना। जानकारी के लिए धन्यवाद। आदित्य बहुत सुन्दर लग रहे हो तिलकधारी बन कर, भगवान लम्बी आयु प्रदान करे शुभाषीश।

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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