- विक्की चाचा के बाइक की चाबी बालकॉनी में जाकर कपडे़ सुखाने वाली चिटकनी के डिब्बे में डाल दी.. चाचा हैरान परेशान पुरे घर में ढुढ़ते रहे.. बहुत मुश्किल से चाबी मिली.. पर चाचा बहुत अच्छे है बोले कि "गलती मेरी ही है.. चाबी मैने ही तो दी थी"
- आजकल आप मेरे ब्लोग पर फोटो कम देख रहे हो न? मेरी नई शरारतें भी नहीं पता चल रही न? पता है क्यों.. आजकल मैने केमरे पर हाथ साफ करना शुरु कर दिया है.. जैसे ही कैमरा दिखता है सारे काम छोड़ उस और लपक लेता हूँ.. और तो और मैने केमरा ऑन ऑफ करना भी सीख लिया.. जब मौका मिले कैमरा ले लेता हूँ.. मुझे पसंद है कैमरे के शटर का खुलना और बंद होना.. पापा हैरान है और कोई उपाय नहीं सूझ रहा.. आप मदद कर सकें तो जरुर बताना..
- बाहर जाने की तलब.. मुझे अच्छा लगता है कि हर कोई मुझे लेकर बाहर घूमता रहे.. इसलिये मैं मौके तलाशता रहता हूँ.. सबसे अच्छा मौका होता है जब पापा बाहर जाते है.. आप सोचोगे कि मुझे पता कैसे चलता है कि वो बाहर जाने वाले है.. बहुत आसान है जब वो तैयार होकर शर्ट/टिशर्ट पहने है तो मैं समझ जाता हूँ.. और कई बार तो खुद ही शर्ट लाकर दे देता हूँ.. "अब चलो".. कल तो बहुत मजेदार बात हुई.. पापा तैयार हो कर खडे़ थे पर मै तो नहा कर आया ही था.. पापा को तैयार देखा तो ’हलकान’ मचा दी.. आखिर पापा ने शर्ट उतार मुझे भरोसा दिलाया कि ’बेटे तुझे लकेर ही जाऊगाँ’ तब जाकर तैयार हुआ..
लगता है न कि मैं बड़ा हो गया हूँ... वैसे मैम को मत बताना वरना वो मुझे भी पनिश कर देगी समीर बाबा के साथ..
मजा आया?
आदि को जो पनिशमेन्ट मिलेगा वो भी समीर बाबा ले लेंगे, तुम तो अपनी खुरापातियाँ चालू रखो!! :)
ReplyDeleteaadi ap tho sharat jaari rakho bahut shia jaa rahe ho :);)
ReplyDeleteआदि को पनिशमेन्ट मत दो भाई।
ReplyDeleteबच्चों की तो शरारतें ही अच्छी लगती है।
बहुत अच्छे आदि भाई...तुम्हारे क्लास मानीटर समीर बाबा हैं तो फ़िर क्या फ़िकर है?:)
ReplyDeleteरामराम.
बेटा अभी तो कई खुराफात तुम्हे सीखनी है .
ReplyDeleteआदि बेटा मत घबराना -तेरे पीछे सारा ज़माना
aaditya ki chhoti si pyari shaitaniya achhi lagti hai...may god bless him...
ReplyDeleteअरे आदि, हमारी आदतें कितनी मिलती हैं ना ?
ReplyDeletevery very very very very very very very very very very very very very very very guuuuuuuuuddddddddd..
ReplyDeletelage raho....
हां, उस दिन तुम्हारी मम्मी से बात हुई और जब मैंने पूछा कि आदि बेटा क्या कर रहा है तब उन्होंने बताया था कि तुम फोटो खिंचना सीख रहे हो.. एक अच्छे फोटोग्राफर कि यही पहचान होती है कि वह किसी और को फोटो भी ना लेने दे.. ः)
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