Friday, August 14, 2009

टेलिफोन का पुनः आविष्कार

वैसे तो टेलिफोन का आविष्कार बहुत पहले ही ’बेल’ अंकल ने कर दिया था.. पर एक दिन मैने और पापा ने इसे फिर से ट्राई किया.. सोचा क्या ये वाकई काम करता है.. हुआ यूँ कि एक दिन शाम को पापा पाईप से पानी भर रहे थे... और जो चीज पापा मम्मी के पास हो तो वो तो मुझे चाहिये ही.. तो मैं पाइप का एक सिरा पकड़ रवाना हो गया.. और पापा दुसरे तो पकड़ मेरे पीछे पीछे.. और इसे खेलते खेलते हमने टेलिफोन भी ट्राई कर डाला..


आप भी देखिये हमारा टेलिफोन वाला खेल

हेलो, हेलो, पापा, पापा क्या आपको मेरी आवाज आ रही है... 

आई न.. 

हाँ मैं भी आपको सुन पा रहा हूँ...

हाँ इस कान में भी आवाज आ रही है..

आप बोलो.. मैं सुन पा रहा हूँ..

एसे हमारा खेल चलता रहा.. मैं पाईप लेकर आगे आगे और पापा मेरे पीछे पीछे..
कैसा लगा हमारा ये खेल..



आज जोधपुर से मेरे दादा आये है.. मेरे साथ खेलने.. मेरे लिये कान्हा कि ड्रेस भी लाये है... कान्हा कि ड्रेस क्यों.. अरे भाई आज जनमाष्टमी है.. और मैं भी तो कान्हा बनुंगा..

आप सभी तो जनमाष्टमी की शुभकामनाऐं

20 comments:

  1. पहले पता होता फ़ोन इतना सस्ता भी हो सकता है तो कुछ मीटर पाइप ही खरीद कर रख लेते हीरो, पहले क्यों नहीं बताया????ओये हीरो , कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामना और ढेरो बधाई . कान्हा बन कर जल्दी से आना और हमको अपनी तस्वीर दिखाना .

    love ya

    ReplyDelete
  2. अच्‍छा है .. तेरे बहाने पापा भी बचपन की यादें ताजा कर रहे हैं !!

    ReplyDelete
  3. बहुत मज़ा आया तुम्हारा टेलीफोनिक किस्सा पढ़कर. वाह!

    ReplyDelete
  4. बहुत मज़ा आया तुम्हारा टेलीफोनिक किस्सा पढ़कर. वाह!

    ReplyDelete
  5. वाह क्या खोजा है वट एन आइडिया सर जी :) गुड गुड ..जय श्री कृष्ण

    ReplyDelete
  6. tu bhi "bha" ki tarah engineer banne wala hai....lage raho...
    ca ki fauz toh khadi ho hi gayi....
    par ab saare mere under main engineers banenge......
    aao aao...
    bharti chalu hai.....

    ReplyDelete
  7. अरे वाह ये खेल तो हमने भी बचपन में खूब खेला
    है ।

    ReplyDelete
  8. आदि‍ बेटा, खेल-खेल में ज्ञान की बातें सीखते जाना।

    ReplyDelete
  9. वाह...क्या बात है। हमें भी बचपन याद आ गया।
    खूब खुश रहो...ऐसे ही मजे़ मज़े मे बढ़ते रहो

    जय श्रीकृष्ण

    ReplyDelete
  10. बच्चू ऐसे ही खेल खेल में बहुत कुछ सीखा जाता है खूब मौज करो ! और अब तो दादा दादी आये हुए है उनके साथ खेलो ! सबसे ज्यादा खेलने का मजा दादा दादी के साथ ही आता है |

    ReplyDelete
  11. कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। लगे रह प्यारे.

    रामराम.

    ReplyDelete
  12. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
    ----
    INDIAN DEITIES

    ReplyDelete
  13. आदि बेटा बढ़िया आविष्कार किया है।
    नेट भी चल जायेगा ना इससे तो....
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी और स्वतन्त्रता-दिवस
    की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  14. अरे वाह !! भाई अपनी इस टेक्नोलॉजी का ज्ञान कुछ हमारे ऑफिस के इंजीनियर्स को भी दो.

    ReplyDelete
  15. रोज़ मेरा बचपन याद करने के लिए शुक्रिया .

    ReplyDelete
  16. कान्हा, खूब धमाल करो और दादा के साथ मस्ती करो.
    ये वाला टेलीफोन भी बढ़िया काम करता है:)

    ReplyDelete
  17. ऐसे ही गुदगुदाते रहिए बचपन को.. जन्‍माष्‍टमी की बधाई स्‍वीकारें।

    ReplyDelete
  18. जियो! भारत के लिये नोबल पुरस्कार की आशायें बनती हैं!

    ReplyDelete
  19. अरे आदि बाबा.. एक लाईन अपने पापा को बोल कर मेरे लिये भी बिछा दो ना..

    ReplyDelete
  20. मजेदार!!

    इसी फोन पर अब तुमसे बात होगी जब आवेंगे!!

    ReplyDelete

कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

Related Posts with Thumbnails