अब तो गुब्बारे मेरे प्रिय हो चुके थे.. कोई दूर नहीं कर सकता.. जल्दी से दे दो पापा..
हम तैयार हो कर कंपाउड में पहुँचे.. और झण्डा फहराया.. "जय हिन्द"
और इसके बाद मिला लड्डु.. अंकल मेरे तक आने में देर लगा रहे थे.. मैने तो खुद ही ले लिया.. आजादी का स्वाद बहुत मिठा है..
और फिर मम्मी की गोद में सवार हो कर सभी लोगो को देखता रहा.... वहाँ बहुत सारे गेम्स भी हुऐ..
देखो कितने लोग आये थे.. और बारिश की फुहारों में आजादी का आनन्द ले रहे थे..
पसन्द आई ये पोस्ट...
सुचना दादा कल शाम वापिस जोधपुर चले गये.. पर तीन दिन तक मैने दादा के साथ खुब मस्ती की.. जल्द ही वो सभी पोस्ट लेकर आने वाला हुँ.. |
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अच्छा आपने कान्हा वाली पोस्ट देखी? नहीं तो यहाँ देख सकते हैं..
भई सबसे ऊपर वाले फोटू में तुम्हारी शान देखकर तो बड़े से बड़े राजा महाराजा भी शरमा जाएंगे !
ReplyDeleteनज़र न लगे !
भाई तो तुमने लड्डू खा ही लिया :)
ReplyDeleteजे हिंद आदि जी :) लड्डू गोपाल लड्डू खा रहे हैं :)
ReplyDeleteहमे तो लड्डू मिला ही नहीं! :(
ReplyDeleteक्या खूब मनाया है स्वतंत्रता दिवस...और आपको लड्डू खाते देख कर मेरे भी मुंह में पानी आ रहा है...यम्मी है ना...
ReplyDeleteनीरज
jay hind
ReplyDeletekya baat hai....
ReplyDeletehappy independence day....
पीला-पीला, प्यारा लड्डू,
ReplyDeleteमुँह मीठा कर जाएगा!
अगर इसे मैं पूरा निगलूँ,
कैसे अंदर जाएगा?
लुढ़क-लुढ़ककर जाएगा,
या सरक-सरककर जाएगा?
नाचेगा क्या ठुमक-ठुमककर,
गुद-गुद करके गाएगा?
फोटो बहुत अच्छे हैं । आदि को प्यार ।
ReplyDeleteवाह आदि मजा आगया तेरी आजादी देख कर तो.
ReplyDeleteरामराम.
वाह...
ReplyDeleteदेशभक्ति का जज्बा सलामत रहे।
बहुत अच्छे लग रहे हो आदि बेटा।
अरे वाह ! इतने मजे लिए आजादी दिवस के ! बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteगैस भरी जब इनके अंदर,
ReplyDeleteचले घूमने ठुमक-ठुमककर,
नील गगन में ये गुब्बारे!
मेरे मन को लगते प्यारे!
जब मैं इनको "टा-टा" करता,
हाथ हिलाता कुदक-कुदककर,
कहते हैं मुझसे ये सारे -
साथ हमारे आ रे, आ रे!
Lovely! Happy Independence Day Aadi....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लगा! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबेहतरीन राष्ट्र भक्त शेर!!
ReplyDeleteसही जा रहे हो!!
मेरा लड्डू.. बू हू हू हू... :)
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