पिछली २ तारिख को मैं १५ महिने का हो गया.. और मेरा MMR का टीका ड्यु हो गया.. MMR याने Measles, Mumps और Rubella.. हमारे घर के पास ही दिल्ली सरकार की एक डिसपेंसरी है और टीके लगाने हम वहीं जाते है.. वहाँ पर हर बुधवार और शुक्रवार को टीके लगते है... कल जब सुबह गये तो नर्स दीदी बोली.."आजकल हम बुधवार को ही टीके लगाते है.." पापा ने कहा लेकिन आप तो शुक्रवार को भी टीके लगाते थे.. तो जबाब मिला "शुक्रवार को कोई आता नहीं है... इंतजार करो कोई आ गया तो लगा देगें... एक बच्चे के लिये वाइल नहीं खोलते.." पापा ने इंतजार करना बेहतर समझा क्योंकि बुधवार को फिर आना संभव नहीं था..
कुछ देर इंतजार के बाद जब कोई नहीं आया तो पापा ने कहा कि "आप वाइल खोल कर टीका लगा दे.. बाद में कोइ और आये तो उसे भी लगा देना.." लेकिन नर्स दीदी पर कोई असर होता नहीं दिख रहा था.. तो पापा बोले "आपको पता है कि सरकारी आदेश है कि एक बच्चा भी आये तो टीका लगाना होता है" ये सुन नर्स दीदी के तेवर बदले.. और बोली ये तो हमें पता है पर वेक्सीन खराब हो जाती है.. पापा ने धीरे से कहा.. "ये खराब नहीं होती इस्तेमाल हो रही है.." पर नर्स दीदी बोलती रही.. MMR केवल लड़कियो के लिये होती है.. लड़को के लिये जरुरी नहीं है.. पर उनको कैसे समझाये कि ये दोनों के लिये जरुरी है.. पर बातों बातों में उन्होंने टीका तैयार कर दिया और मेरी बाँह पर लगा दिया.. और सुई लगने पर रोना तो था ही.
फिर बात हुई विटामिन ’ए’ की.. क्योंकि वो भी हर छः माह में (तीन वर्ष की उम्र तक) पीना जरुरी होता है... तो जबाब मिला की विटामिन ’ए’ कि स्पलाई नहीं है.. और सलाह मिली कि ये भी जरुरी नहीं डाईट अच्छी डाइट लो.. अब पापा को समझ आ चुका था क्यों राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम सफल नहीं हो पा रहा.. कोई बात नहीं कुछ दिन बाद फिर से चक्कर लगायेगें... विटामिन ’ए’ तो पीना ही है.. क्यों सही कहा न मैने?
याद करलो आपका कोई टीका बाकी तो नहीं रह गया?
पसंद आया?
bahut acha kiya....
ReplyDeleteagli baar thodi aur latad lagana...
aise kamchori karenge toh bhugatenge...
aur jab tak lagaye nahi....chodana nahi...
are yaar,
ReplyDeletehamne to aaj tak koi teeka lagwaya hi nahin hai. chal mere naam ka bhi too hi lagwa le. ok?
बहादुर बच्चे भी कभी कभी रो देते है . कोई बात नहीं , हर टीका लगवाना आगे काम आयेंगे
ReplyDeleteजादु भाई पहली डोज "नौ माह" पर.. खसरे के टीके के साथ... अभी नहीं..
ReplyDeleteकेवल लड़कियों के लिए ये टीका है इस इन्वेंशन का हमें भी आज पता चला है .पर विटामिन ए का इस्तेमाल क्यों ?केवल डॉ की सलाह हो तभी ले ....इसके ज्यादा सेवन से नुक्सान हो ता है
ReplyDeletebikul sahi jaa raho aadi baba,saare vaccines samay par liya kare.aur nurse didi ko unki duty bhi yaad dilana jaruri hai.sabhi sarkari hospital ka yahi haal hai bachhe:).magar aap ek jimedar nagrik ki tarah unhe farz yaad dena.
ReplyDeleteवाह आदि।
ReplyDeleteआज तो कमाल की पोस्ट लगाई है।
धन्यवाद।
आदि तुम्हारे साथ जो धोखेबाजी की गयी इंजेक्शन लगाकर उसके लिये तुमने किसे दोषी ठहराया ,यह भी तो बताते :)
ReplyDeleteबिल्कुल आदि..तुम तो समय पर टीका..ईंजेक्शन, विटामिन सब लेते रहो..और नर्स दीदी नखरे दिखाए टिका लगाने मे तो अब तुम्हारे दांत किस काम आयेंगे?
ReplyDeleteरामराम.
सही किया जो टीका लगवा आये. थोड़ा रोना भी पड़े तो कोई बात नहीं-ऐसे रोने पर हमें दया नहीं आ रही. :)
ReplyDeleteबाद में पापा ने टॉफी खिलाई कि नहीं आदि बाबा को!!!
एम् एम् आर का टीका तो मैंने भी लगवा लिया :)
ReplyDeleteReally, ap to bahut cute bete ho...achhi bat hai !!
ReplyDeleteशब्द-शिखर पर नई प्रस्तुति - "ब्लॉगों की अलबेली दुनिया"
Hi aadi......your father did a right thing as our establishment has gotten into a habit of not moving until kicked hard in the back...............
ReplyDeleteGreat job Ranjan!- That's my papa talking directly to Aadi's papa....
vakai bahut dard hota hai. abhi ham bimar ho gaye the to lage injection tab samjh men aaya.
ReplyDeleteच्च च्च! तुम्हें बचपन में ही सरकारी चिरकुटई पता चलने लगी है?! :(
ReplyDeleteज्यादा दर्द हुआ क्या .....पर आदि तो हीरो है न ....
ReplyDeletelove ya
सुईया भोंका गया तो आप भी भोमियाने लगे? चलिये कोनो बात नहीं, अगली बार सुईया लेकर ऐन्ने-ओन्ने कहिंयो फेंक दिजियेगा.. :D
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