फोटो के साथ तो आप मेरी शरारत रोज देखते हैं... लेकिन कुछ बातें ऐसी होती है जिनका फोटो नहीं होता या फिर बहुत छोटे किस्से होते है... तो उनको आप तक पहुचाँऐगें एक नये कॉलम "शरारत ऑफ द डे" में.. (दो और नाम सोचे है इसके लिये "आज का पल" और "मुमेंट ऑफ द डे" आप बताइये क्या ठीक रहेगा.. आप कोई और नाम सुझाना चाहें तो स्वागत है..)
शरारत ऑफ द डे सोमवार रात को सोते हुऐ आदि की नजर ड्रेसींग टेबल के ऊपर छुपा कर रखे टॉफी (पान पसन्द) के डिब्बे पर पड़ी... डिब्बा देख बाबा ने एक अँगुली उस और कि और हूँ हूँ कर टॉफी की मांग करने लगे, रात के ११ बजे उसे ये टॉफी खिलाने की बिल्कुल इच्छा नहीं थी.. लिहाजा उसे बहलाने और ध्यान बटाने के तरह के उपाय किये.. पर साहेब का जी तो उसी में अटका था.. और कोई उपाय न देख उसे टॉफी देनी पड़ी, और बाबा रात ११ बजे विजयी मुद्रा में टॉफी खुद छिल कर मुँह में ले स्वाद लेने लगे.. टॉफी का रेपर एक हाथ में ले तब तक उसका स्वाद लेते रहे जब तक वो पुरी मुँह में घुल न गई... और टॉफी खत्म कर ही बाबा सोये.. जय हो!!! |
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ama aadi pyare..kyun fikra karte ho...kamjor hon tumhaare dushman....khaao peeyo mauj karo...11 baje tak toffe chaltee hai...sab bachchon kaa yahee haal hai...shubh snehaasheesh.......
ReplyDeleteअरे बेटा आदि तुम इतने प्यारे बच्चे हो अपने मम्मा पापा से कहो चिंता न करे ,क्योकि तुम इतना उधम करते हो ,शरारत करते हो इसीका मतलब हैं तुम बिलकुल स्वस्थ और तंदुरुस्त हो , तो बच्चे ज्यादा शरारत करते हैं हमेशा उधम करते है उनका वजन थोडा कम भी हो तो कोई बात नहीं ,जब वो हँस खेल रहे हैं तो वह एकदम फिट हैं हैं .मेरी आरोही भी बिलकुल तुम्हारी तरह ही हैं ,उसे दुबला देख कर लोग चिंता करते हैं ,लेकिन डॉ ने मुझे बता दिया हैं की आरोही एकदम ठीक हैं क्योकि वह बहुत ही शरारती और हर पल कुछ न कुछ उधम करने वाली बच्ची हैं .
ReplyDeleteअरे वजन घटने बढ़ने की चिंता मत करो तुम तो बस खूब शरारत करो ,खेलो कूदो और खूब खाओ पर टॉफी नहीं , केले आम और हर तरह के फलों पर ही नजर रखो |
ReplyDeleteअदि बेटा,,,उधम करते रहो...फिट रहोगे..लेकिन रात के वक्त टॉफी की ज़िद का उधम आगे से नहीं....!
ReplyDeleteटाफी रात को :) वैरी बैड यूँ ही उछालते कूदते रहो ..ठीक फिट रहोगे
ReplyDeleteअच्छी मसखरी कर लेते हो मियाँ।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अले छोतू, वज़न का पूला ख्याल लखो. मैं भी लखता हूँ.
ReplyDeleteओल तोफी बाली बात पल तो मैं यही कहूंगा कि मुधे भी भोत अच्छी लगती है, पल मम्मी जादा खाने ही नहीं देतीं, केती हैं, दांत खलाब हो जायेंगे. तो तुम भी इछ्के लिए जिद मत किया कलो..
अब बाय बाय
अरे पलटू जब बच्चा अपना कद निकलाता है तो थोडा बदला बदला लगता है, शायद इस लिये कुछ कमजोर लगे ,वेसे चिंता की कोई बात नही, कई बार दांत वगेरा आने से भी वजन कम हो जाता है, बाकी राधिका जी की टिपण्णी से सहमत हुं.
ReplyDeleteबहुत सारा प्यार
are, kamjor ho adi bete ke dushman..
ReplyDeleteye to hamara Gama pahalavaan hai.. :)
aadi beta! na.. na.. mummy papa se kahana ki raat me toffee nahi khani :(
ReplyDeletehaan aur rudra ki or se hello ! aur vajan to ghtata badhta rahta hai lekin us par thoda dhayaan rakhna chahiye . bas tum shararat karte raho mummy papa ko tumhari shararte taja kar deti hongi . hain naa mummy paap ?
जोधपुर के शेर हो यार.. वजन की टेंशन मत लो..
ReplyDeleteशरारत ऑफ़ द डे बढ़िया है वैसे..
आदि अब जरा शरारतों का डोज बढाओं भाई तभी वजन बढेगा.:)
ReplyDeleteरामराम.
Jab tak mamma mumbai men he tum achchhi tarah khana khana,khub khelna, khush rahana, kamjor nahin hona..I am happy that aadi and his father are managing the absence of mother very well and also i appreciate the dedication of the writer that he has not stopped writing even when aadi mother is out.. insha allah!!!
ReplyDeleteइतनी आधुनिकता भी अच्छी नहीं जल्दी नज़र उतारी जाए आदि की . और काला टीका रोज़ लगाया जाए .
ReplyDeleteपानी पीने के सबसे मजेदार तरीकों में से एक यह भी है आदि बेटा।
ReplyDeleteशरारत ऑफ द डे में बस एक शरारत? पूरे दिन में एक ही शरारत करते हो? तब तो वास्तव में कमजोर हो मियां।
raat ko pareshan karte ho galat baat :)
ReplyDeleteलगे रहो आदि,
ReplyDeleteयही तो उम्र है शरारत करने की।