मुमेंट ऑफ द डे वैसे तो मैं काफी दिनों से चलना सीख गया था.. पर कुछ-कुछ कदम और सहारा लेते हुये.. कल और परसों का दिन कुछ खास था.. क्योंकि मैं घुटनों पर चलने के बजाए पैरों पर चलना पसंद करने लगा हूँ... और अब आप मुझे घर में आराम से घुमते देख सकते है.. हुर्रे!!!!! |
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Friday, June 5, 2009
आदि कहाँ है?
आदि कहाँ है? वैसे तो ये कोई मुश्किल सवाल नहीं है.. पर आपको पता है ये बात मुझे भी अच्छे से पता है.. ये मैं कब सीखा ठीक से याद नहीं पर पिछले ३-४ महीनों से ये जबाब दे देता हूँ.. दीवार पर लगी अपनी तस्विर देख कर भी हूँ हूँ कर खुद को बताता हूँ और अगर कोई फोन पर भी पुछे "आदि कहाँ है?" तो मेरे पास जबाब होता है... देखिये ये १५ सेकण्ड का विडियो.... क्या कहा केवल १५ सेकण्ड? अरे आदि को पहचानने में इससे ज्यादा समय थोड़े ही चाहिये..
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आदि कहाँ है :) वाह आदि तो यहाँ है .चलने लगे हो तो चलते चलो ...बहुत अच्छा लगा पढ़ कर ..
ReplyDeleteआदि कहां है, वह तो पूरे ब्लॉग जगत में घूम रह है। पकड के रखो इसे।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आदि का इशारा बहुत बढिया लगा ।वहीं तो है आदि।
ReplyDeleteबहुत गजब.
ReplyDeleteखुद को पहचानने के लिए न जाने कितने साधु-महात्मा बन जाते है....हिमालय वगैरह के लिए निकल लेते हैं. काश कि आदि से कुछ सीखते ऐसे लोग...
वाह यार आदि..अबकी अगर तुमसे पूछे कि ताऊ कहां है? तो भी शायद ऐसे ही इशारे करोगे?:)
ReplyDeleteरामराम.
लो भैय्या हम अपने पैरो पे हो गए खड़े .ओर मिला ली है ताल.....
ReplyDeleteअबे मेरा पलटू कहा है, यह बता दो तो माने... बहुत मासूम लगा बेटा तू, बहुत प्यारा.
ReplyDeleteबहुत सारा प्यार
तुम जल्द ही दौड़ोगे, और जिंदगी कि रेस में सबसे आगे रहोगे.. ढ़ेर सारा आशीर्वाद और दुलार आदि बेटे को.. :)
ReplyDeleteVaah vaah!! khud ko pahchan gaye..bahut khoob..ab to doudte dekhenge tumhe agale video me. :)
ReplyDeletebadhaayee adi--tum ab pairon chalne lagey ho!
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