विवेक अंकल, ताऊ जी कहते थे आदि बेटा पापा मम्मी को काटो … उन्होने जगह नही बताई.. तो बताओ मैं कहां काटता.. नहीं काटा.. लेकिन जल्द ही प्यारे उडन तश्तरी अंकल ने address भी दे दिया, और कहा "पापा/मम्मी की गोद में तो बैठे हो, धीरे से कान काट लो. फिर हंसना. :)".. इतना हिंट दे दिया.. फिर क्या था.. बस एक मौका चाहिये था.. और पहला मौका मिला डॉ घटक के क्लिनिक में.. पापा कि गोद में और पापा बिजी़ डॉ अंकल से बात करने में.. बिल्कुल देर नहीं की और उडन तश्तरी अंकल के बताये पते पर काट खाया..
एक बार स्वाद भा जाये तो बार बार खाने का दिल तो करता है न? कल शाम को फिर मौका मिला.. पापा मुझे गोद में उठाये सोफ़ा पर बैठे थे.. और उनका कान फिर मुझे ललचा रहा था.. मौके का भरपूर फा़यदा उठाते हुए मैने कान पर हमला बोल दिया.. और कान खाने का भरपूर आनंद लिया.. पापा कर भी क्या सकते थे?
और आज है मेरा मंथली बर्थडे.. और मैं हो गया पूरे नौ माह का.. देखो १ साल के कितना करीब आ गया..
भा गई न मेरी बातें ! बन जाओ मेरे सखा.. यहाँ चटका लगा कर!!
" ह्म्म्म्म शेर के मुह खुन लग ही गया आख़िर हाँ हा हा हा हा हाहा हा हा बेटा जयादा दांत मत लगा देना हाँ काटो मगर प्यार से ओके...."
ReplyDelete" monthly जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो बेटे को......यूँही हँसते रहो और सबकी मुस्कुराहट का कारण बने रहो..."
Love ya
बिल्कुल मालपुए जैसा स्वाद आया ना ? अब तो रेडीमेड मालपुए मिलते रहेंगे ! तुम अपने अंकल का नाम जरूर रोशन करोगे भतीजे !
ReplyDeleteबहुत अच्छा ऐसे ही काटते रहो ! पापा मम्मी को दांतों की धार कैसी है पता रहना चाहिए !
ReplyDeleteअरे बबुआ, उड़न तश्तरी अंकल जब बदमाशी सिखाये तो तुरंत सीख गये. इत्ते दिन से सिखा रहे हैं कि मम्मी पापा को परेशान नहीं करते, वो नहीं सीखा..क्यूँ??
ReplyDeleteजोर से तो नहीं काटा?? :)
वाह मेरे शेर पल्टू. तू जरुर नाम रोशन करेगा हमारा. बिल्कुल लाल लाल दिख रहा है कान. अभी तो लगे रहो काम धन्धे पर. :)जल्दी ही उडन तश्तरी अंकल कोई नया फ़ार्मुला भी बता देंगे, :)
ReplyDeleteरामराम.
best place to bite.kam se kam mike tyson to yehi kahte hai:)
ReplyDeleteअबे पलटू कान तो लाल कर दिया,चल अब जो भी मिलने आये, पहले उसे अपनी मोहर लगा देना, बेटा लगता है अब तेरे ओर भी दांत आ रहे है.
ReplyDeleteप्यार
बचपन में ही रंग दिखा दिये बन्धु! बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबच्चो को बिगाड़ रहे हैं सभी लोग
ReplyDeleteनॉटी ब्वॉय, अंकल की बातों को सुनकर पापा का ही कान काट लिया। मजा तो तब आता जब खुद अंकल का ही कान काटते।
ReplyDeleteअरे वाह नया ले आउट... इतने दिनो से आ नही पाया.. शिमला गया था घूमने.. लेकिन ये क्या मैं नही था तो पापा को काट लिया.. अरे छोटू काटना ही है तो केक काटो नौ महीने के जो हो गये हो..
ReplyDeleteGod bless you!
यह कान-वान काटने की आदत
ReplyDeleteमुझे तो बिल्कुल भी
पसंद नहीं आई।
आप लक्ष्मण जी नहीं,
आदित्य हैं।
काटना ही है,
तो फीते काटना,
समय आने पर।