Friday, February 13, 2009

एक और..

दो तो दिसंबर में ही आ गये थे.. बाकि का इंतजार तब से था..अब आयेंगे, अब आयेंगे.. अरे भाई, आखिर कब आयेंगे ये... कोई कितना इंतजार करे... एक तो कब से झांक रहा था.. पर आ नहीं रहा था.. अरे आप आओ तो कुछ और काम करें.. आपको पता नहीं मुझे आपकी कमी कितनी खलती है... आपको कितना मिस करता हूँ.. और आपके इंतजार में क्या-क्या कर रहा हुँ मैं.. अरे अब तो बहुत सुरसरी मच रही है.. आओ न, आ जाओ न..  कोई समय तो दिया नहीं... अरे आपके न होने से कितने काम रुक रहे है पता है आपको?

आया समझ, किसका इंतजार था मुझे?  अरे मुझे इंतजार है अपने दांतो का और कल मेरे श्रीमुख में तीसरे महानुभव तशरिफ लाये... इस बार ऊपर वाला दाँत.. अरे ऐसे समझाना मुश्किल होगा आप तो ये 'dental map' देख लो...

इतने दिनों से बेचारे निचले वाले दांत अकेले थे, अब उनका एक साथी और आ गया....इससे मेरी पकड़ और भी मजबुत होगी न? ;-)).

9 comments:

  1. " तो नया दाँत.. आने की खुशी मनाई जा रही है.....एक फायदा तो होगा बेटा की काटने में आसानी होगी है न हा हा हा हा हा "

    love ya

    ReplyDelete
  2. अब तो और मजा आयेगा कान काटने में.. :)

    ReplyDelete
  3. स्वागत. मुखारविंद में कुछ इंतज़ार करवा के आया नया मेहमान. कोई तकलीफ तो नही दे रहा है?

    ReplyDelete
  4. फ़िर अब तो काटना दुगुना हो जाएगा !

    ReplyDelete
  5. बेटा पल्टू अब आयेगा मजा पापाजी के कान को.
    आखिर अब तक एकेला दांत क्या करता? अब जरा धर के दबाना. :)

    रामराम.

    ReplyDelete
  6. दांत और कान काटने को क्यों जोड़ा जा रहा है। दांत देखने में कितने सुन्दर लगते हैं।

    ReplyDelete
  7. बच्चू अब तो तेरे से बचना होगा, जिसे एक बार पकड लिया, बिना काटे मत छॊडियो, उसे भी तो नानी याद आ जायेगी...
    प्यार ओर प्यार

    ReplyDelete

कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

Related Posts with Thumbnails