Wednesday, February 25, 2009

लो भईया हम अपने पैरो के ऊपर खडे़ हो गये

बुजुर्गों ने,
बुजुर्गों ने, फरमाया की पैरो पे अपने खडे़ होके दिखलाओ,
फिर ये जमाना तुम्हारा है..



जमाने के सुर ताल के साथ चलते चले जाओ
फिर हर तराना तुम्हारा फसाना है


अरे तो लो भईया हम
हम अपने पैरो के ऊपर खडे़ हो गये
और मिला ली है ताल
दबालेगा दांतो तले उंगलिया, लिंया
ये जमाना देखकर अपनी चाल
वाह वाह वाह वाह धन्यवाद...


आग्रह - कल अचानक से मेरे सखा 40 से घट कर 25 हो गये.. पहले तो लगा अरे इतने दोस्त अचानक कहां चले गये..पर शाम होते होते आशीष अंकल ने बताया कि ये ब्लोगर के तकनिकी कारण है और उसका समाधान यहां बताया.. देर रात तक ये संख्या 30 हो गई..  देख लिजिये आप तो मेरे सखा की सुची में हैं न?

मेरे सखा बनने के लिये यहां चटका लगायें

8 comments:

  1. सही अब यह ज़माना तुम्हारा है :) और हमने चेक कर लिया हम आपकी दोस्त लिस्ट में हैं

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  2. बहुत बहुत बधाई हो !!!!

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  3. अरे वाह इतनी जल्दी पैरो के ऊपर खड़े हो गये.. हमसे तो पापा कह कह के तक गये थे की कब अपने पैरो के ऊपर खड़े होगे

    हम तो आपके सखा ऑलरेडी है जी.. वो तकनीकी खामी को पकड़ लिया था अपुन ने..

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  4. " की पद घुंघरू बाँध मीरा नाची.....और आदि नाचे बिन घुंघरू के..............वाह बेटा जी......बधाई हो...."

    Love ya

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  5. अच्छी बात है भैय्या जी कम से कम आप अपने पैरो पर जल्दी खड़े हो गए है अच्छा लगा पढ़कर ...

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  6. बहुत बधाई पैरों पर खडे होने की. भाई हम आपकी प्रसंशक लिस्ट मे मौजूद हैं. सो कोई चिता नही है.

    और हां यार पल्टू, कल हमारे ब्लाग पर तेरी फ़ोटो छापेंगे तेरे पापा जी के ईंटर्व्यु के साथ. जरुर देखना पल्टू. वही फ़ोटू है जो हमने तेरे घर पर १४ फ़रवरी को खींचीं थी.

    रामराम.

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  7. बहुत अच्छा किया. मुबारक. अब अगला क़दम, चलना है.. और चलकर तुम्हें बहुत दूर जाना है.

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  8. अरे पलटू बेटा , बहुत अच्छा, अब एक आधा टूमका भी दिखा दो बेटा, शावाश बेटा अब कुछ ही दिनो मे बिना सहारे के खडे होना
    प्यार ओर प्यार

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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