अंकल-आंटी दोपहर में आये... उनके आने से पहले ही मैं खाना खा चुका था और नींद का कोटा भी पूरा कर चुका था.. ताकि उनके साथ अच्छे से समय बिता सकूँ... वो मेरे लिये उपहार भी लाये.. अच्छे से पैक कर... चमकीली चमकीली पैकिंग मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी.. पर मुझसे खुल नहीं रही थी.. आखिर मम्मी ने पैकिंग खोल कर दी.. उसमे से निकला एक सुन्दर खिलौना... all-in-one...इसमें मेरे पसंद की तीन चीजें है... खाने के लिये stik, मेरे पंसद का धागा, और बजाने के लिये पैड.. है न all-in-one..
इतना अच्छा खिलौना लाने के लिये अंकल-आंटी को थेंक्यु तो बोलना था न, चढ़ गया गोदी में.. प्यार से बात की और अंकल मुझसे "तेलगु" में बात करने लगे.. उनके प्यार की भाषा समझने के लिये तो चहरे के भाव ही काफी थे... अंकल कह रहे थे..."बहुत अच्छा बच्चा"...
और आंटी की सिफारिश से मुझे गाजर का हलवा भी खाने को मिला...
आज का दिन बहुत अच्छा रहा.. शाम को स्नेहल चाचा भी मिलने आये.. मेरे साथ बहुत देर तक खेले.. पर चाचा ये देख कर हैरान थे कि मैं इतनी आसानी से कैसे खाना खा लेता हूँ, इतनी आसानी से कैसे सो जाता हूँ.. मम्मी पापा को तंग नहीं करता.. अब आप ही चाचा को समझाओ...
अरे ताऊ भी तो आए होंगे पापा का इंटरव्यू लेने ? ताऊ से हुई मुलाकात के बारे में बताना ताकि "ताऊ कौन" भ्रम तो मिटे |
ReplyDeleteअरे ताऊ भी तो आए होंगे पापा का इंटरव्यू लेने ? ताऊ से हुई मुलाकात के बारे में बताना ताकि "ताऊ कौन" भ्रम तो मिटे |
ReplyDeleteआदित्य को ढेर सारा प्यार.
ReplyDeleteवाह! आदित्य ,तुम ने गाजर का हलवा खाया!अंकल आंटी से भी मिले.
ReplyDeleteतुम्हारी बातें पढ़ना अच्छा लगा.
स्टिक नहीं खाते आदि.पापा से कहो वैसी ही एक और स्टिक ला दें..फिर वो जो पैड है न, उस पर चाऊमीन रखना और दोनों स्टिक से पकड़ कर खाना-अपना नाम रख लेना आअदि चूंग चूं. :) मजा आयेगा.
ReplyDeleteCVS अंकल को तुम्हारे साथ खेलता देख कर अच्छा लगा AR.
भाई स्नेहल चाचाजी पल्टू इस लिये सब काम अच्छी तरह कर लेता है कि ये ताऊ की स्कूल मे भर्ती होने की प्रेक्टिस कर रहा है.:)
ReplyDeleteरामराम.
पलटू बेटा , अरे यार हम जेसे छोटे चोटे लोगो से भी मिल लिया करो भाई, लेकिन एक बात पक्की है हमारे पलटू से बडा कोई आदमी नही इस दुनिया मै.
ReplyDeleteप्यार ओर प्यार
बड़े बड़े चीफ मिलने आयेंगे प्यारे! फिर बाद में तुम भी चीफ बन जाओगे!
ReplyDeleteअरे वाह ये तो आदि की निकल पडी ......सुंदर खिलौना और साथ में गाज़र का हलवा ....... आदि का यही दिन क्यूँ हर दिन ऐसा ही गुजरे.....
ReplyDeleteLove ya
Very nicely you have covered. Besides, the photos also came out well.
ReplyDeleteRegards