मम्मी शाम को ऑफिस के आकर चाय के साथ भुजिया खाना पंसद करती है.. मोटी वाली भुजिया.. नमकीन विशेष रुप से जोधपुर से आता है.. बहुत स्वादिष्ट होता है ये.. मुझे कैसे पता.. अरे मैं भी तो खाता हूँ इसे मम्मी के साथ.. ये भुजिया आसानी से पकड़ में आ जाती है और अब मेरे तीन दांत है इसे तोड़ने के लिये.. दाँतो से तोड़्ते हुए "कट" की आवाज सुन खुश होता हूँ और मजे से खाता हूँ..
कैसी लगी ये नमकीन पोस्ट?
निश्चित ही तुम्हारी तरह नमकीन है बेटा। जीते रहो।
ReplyDeleteक्या स्वाद है.... ज़िंदगी के....
ReplyDeleteजियो! भुजिया की नमकीन और मम्मी के स्नेह की मधुरता का सेवन करो!
ReplyDeleteह्म्म्म्म...मुहं में पानी ला दिया आपने छोटे मियां जी...मोटी सेव जिसने खाई है वो इसके स्वाद को कभी नहीं भूल सकता...हमारे जयपुर में भी मिलती है...लेकिन इसमें तो लाल मिर्च होती है...आपने खा कर सी सी नहीं किया...??? कमाल है? आप तो बहुत बड़े हो गए हो लगता है...
ReplyDeleteनीरज
देख बेटा पल्टू, तू सेव खा. पर सिर्फ़ इतना ध्यान रखना कि उन हाथों को फ़िर बिना धोये आंखों पर मत लगा लेना. वर्ना फ़िर ...:)
ReplyDeleteरामराम.
आईला ........कोम्पुटर में नहीं डलती क्या ..
ReplyDeleteहमें भी खिलाते :)
ReplyDeleteमुझे नमकीन पसंद है .. जाहिर है .. यह पोस्ट भी पसंद आएगा ही ।
ReplyDeleteaare waah namkin khana bhi sikh liya,:)thodahame bhi:)
ReplyDeleteथोडा इधर भी बढाना भई, मुंह में पानी आ रहा है।
ReplyDelete' ha ha ha ha ha ha aaj to namkin reh hi gyi..kya kren subh se computer hi khrab tha.....ab jakr kuch kaam kr rha hai to aadi se milne chle aaye....pr yhan to chidiya pehle hi dana chug ke ja chuki hai......ye dil mange more na...."
ReplyDeleteLove ya
i like bhajiya toooooo
ReplyDeleteto paltu khokhe kha
ReplyDeleteraha hai, me bhi har bar jodhpur se ye namkin ( khokhe)lekar aata hun.
क्या-क्या दे देते हो हीरो, इसका हिसाब लगाना मुश्किल है. भुजिया तो मस्त होगी ही, उससे ज्यादा तुम हो. जीते रहो.
ReplyDeleteझपट-झपटकर, कटर-कटरकर,
ReplyDeleteखाओ, खाओ, जी-भर भुजिया!
नीचे गिरती है, गिरने दो,
खाएगी, भइ, आकर चुहिया!
खाओ ख़ूब मज़े ले-लेकर,
ReplyDeleteअभी नमक से भीगी भुजिया!
होली में अब मीठी-मीठी,
तुम्हें खिलाएँगे हम गुझिया!
अबे पलटू यार हमे पता बत रहा है, ओर खुद मजे से कट कट कर के खा रहा है, अबे हमे भी भेज दे दस बारहा पकेटे...:)
ReplyDeleteमजे कर बेटा, वेसे हमे पता है अभी तु इस डिब्बे को फ़र्श पर फ़ेला कर फ़िर उसे हाथो से मसल कर, ओर रोकने पर चिल्लयेगा, ओर फ़िर खायेगा...
बेटा बहुत बहुत प्यार
These pics are great .
ReplyDeleteYour kid has really grown up
Rishi is cool . Do come over some time
See You