अब मैं नौ माह का हो गया हूँ..और नौ माह का होने पर लगता है खसरे का टीका ... इतना तो सबको पता है.. पर इसके साथ एक और दवा पीनी होती है, और वो है विटामिन ’ए’ ...सरकारी अस्पतालों में तो ये आसानी से मिल जाती है, पर निजी चिकित्सक इसे अक्सर मिस कर जाते है... पता है ऋषभ भैया को भी विटामिन ’ए’ की पहली खुराक नहीं मिली.. पहली खुराक इसलिये क्योकि इसकी पाँच खुराक होती है जो हर छ: माह में लेनी होती है.. पहली 9 माह पर, उसके बाद 15 माह, 21 माह, 27 माह 33 माह पर.. ये तो आदर्श समय है पर जब भी शुरु करें उसके छ:-छ: माह बाद अगली खुराक ले सकते है..आपको पता है विटामिन ए मानव शरीर की वृद्धि और विकास के लिए अत्यावश्यक है और यह संक्रमणों और रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करता है..
तो मैं भी आज चला गया खसरे का टीका लगवाने और विटामिन ’ए’ की दवा पीने.. हमारे घर के पास ही दिल्ली सरकार का एक स्वास्थ्य केन्द्र है.. मैं वहीं गया..ठीक नौ बजे.. पापा और मम्मी के साथ.. मैं वहां पर सबसे पहले पहुचने वालों में था.. पापा ने पर्ची बनाई और हम टीकाकरण कक्ष में गये.. वहां नर्स दीदी पहले से मौजुद थी.. उन्होने मेरी उम्र पूछी, मेरा टीकाकरण कार्ड देखा.. उन्होने बताया कि खसरे का टीका सीधे हाथ पर लगता है (बाजु में).. पर पापा ने डॉ श्रीधर अंकल से बात करना ही उचित समझा.. उन्होने बताया कि ये टीका subcutaneously लगता है.. इसलिये कहीं भी लगा सकते है..सीधे हाथ के बाजु पर इसलिये लगाते है ताकी आसानी से याद रख सकें की कौनसा टीका लगा है.. मैने तो inner, टीशर्ट और स्वेटर सभी पहन रखे थे... पूरी बाँह ढकी हुई थी, इसलिये हाथ के बजाय ये टीका सीधे पैर की जांघ पर लगवा दिया... टीका लगाने से पहले मुझे आधा चम्मच विटामिन ’ए’ पिलाई गई... इन्जेक्शन लगने पर तो ज्यादा नहीं रोया पर चम्मच से विटामिन ’ए’ पीने में बहुत नखरे दिखाये तकलीफ हुई.. इसके साथ पहले साल का टीकाकरण पूरा हो गया.. अब अगला टीका 6 महिने बाद लगेगा MMR का और उसके साथ फिर विटामिन ’ए’ ..
मेरा टीकाकरण कार्ड यहां देखें
(राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-३ के अनुसार विटामिन ’ए’ की coverage, खसरे की तुलना में काफी़ कम है)
वाह भाई पल्टू, आप तो पूरे ज्ञानी हो, सबको भी उचित राय देते चल रहे हो. इस काम के लिये बधाई तुमको.
ReplyDeleteरामराम.
" ओह ओह नन्ही सी जान और इतनी कड़वी दवाई और टिका.....पर आदि ये जरूरी भी है न...so brave boy na...take care"
ReplyDeleteLove ya
चलो, थोड़ी तकलीफ सही मगर छः महिने को आराम हो गया और जीवन भर की सुरक्षा. तुम बहुत समझदार हो....ऐसे ही किस्से सुनाते रहो.
ReplyDeleteबड़े झमेले हैं बच्चा होना बड़ों के बस की बात नहीं
ReplyDeleteअरे पलटू, मुझे भी बेटा टीके से ओर कडबी दवा से बहुत नफ़रत है, बेटा अब भी जब कभी टीका लगाना हो तो नर्स मेरे को बहुत ध्यान से लगाती है कही बेहोश ही ना हो जाऊ.
ReplyDeleteचल बेटा कोई बात नही अब छे महीने छुट्टी,
प्यार ओर बहुत सा प्यार
सच कहूँ तो इस ब्लॉगजगत में तुम्हारा ब्लॉग निराला है छुटकू ...किसी को मुस्कान लेनी हो तो तुम्हारे ब्लॉग पे आ जाये ..सोचता हूँ जब तुम बड़े होगे तो कैसे देखोगे इस ब्लॉग को.....ख़ुद मई सोचता रह गया ओर तुम्हारे पापा ने वो काम कर दिया .ब्लॉग बनाने का .वैसे मै भी अपने बेटे की एक डायरी में छोटी छोटी कुछ बाते लिखता हूँ....फोटो के साथ ...जब २५ का होगा तब उसे दूंगा ..ऐसा सोचा है.....
ReplyDeleteओर हाँ vit A का पीना ऑप्शनल है...कुछ इलाको में जहाँ इसकी कमी है वहां इसे ज्यादा वितरित किया जाता है.....A,D,E,K, ये विटामिन अगर ज्यादा मात्र में दिए जाए तो नुक्सान भी करते है.