Sunday, May 31, 2009

आम रसीले आम..

मीठा मीठा आम..
प्यारा रसीला आम..
फलों का राजा आम..

आम खाने का विडियो तो कल देख चुके हो.. अब उसी आम खाने के फोटो भी देख लिजिये.... मुह में पानी न आये तो बताना...   

चलो अब आप भी एक आम खा ही लो...

कल अगर विडियो नहीं देख पाये तो ये रहा एक बार फिर से..


आज सुबह मम्मी मुंबई गई है... ५-६ दिन बाद आयेगी... तो पीछे से खुब धमाल होगा पापा के साथ.... आप को बताता रहुँगा ताजा  अपडेट.. हैप्पी सन्डे!!  

Saturday, May 30, 2009

मीठा रसीला आम

आम का मौसम चल  रहा है और आम खाने के मजे भी खुब आ रहे.. टब में बैठ कर आम खाने के फोटो तो आपने देखे पर अब मुझे पता चला कि वो तो केवल गुठली थी असली आम तो कुछ और ही चीज होती है.. मीठा और रसीला.. देखिये ये छोटा सा विडियो आपके मुँह से भी पानी आने लगेगा....




इसके फोटो भी बहुत शानदार आये है, जल्द लेकर आता हूँ.. तब  तक बताईये कैसा लगी मेरी आम खाने की ये अदा..

Friday, May 29, 2009

पों पों.. आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा..

गाडोले और साईकिल के बारे में तो आपको बता ही चुका हूँ.. रावेन्द्र अंकल साईकिल पर बिठाने की बात कर रहे थे.. छोटी सी साईकिल पर तो दो लोग नहीं बैठ सकते न? तो फिर मैने अपने गिफ्ट देखे, उसमें मिली ये प्यारी सी कार.. स्टेरिंग और पों पों वाले हार्न के साथ..


ऐसे बजता है ये होर्न.. पों पों..




ये है आरुशी दीदी, अपने पापा के साथ.. दीदी लाई है ये गाड़ी मेरे लिये...

वैसे अभी ये गाड़ी चलानी मुझे आई नही है पर रावेन्द्र अंकल आप तो आ जाओ दिल्ली, इसी गाड़ी में घुमेगें...
थेंक्यु आरुशी दीदी!!

Thursday, May 28, 2009

टमाटर खाओ और गाल टमाटर जैसे लाल लाल कर लो...

कहते है टमाटर खाने से गाल लाल लाल हो जाते है.... तो जम के टमाटर खाया... बड़ा मजा आया...



कैसा लगा?

Wednesday, May 27, 2009

खुद ही छुपा लो.. खुद ही ढुढ लो..

आदि नये नये खेल करने लगा है.. अपनी प्लेट खुद ही छुपाता और फिर उसे ढुढने का प्रयास करता है.... उसकी ये क्रिडायें देख सारी थकान छुमंतर हो जाती है..

ये देखो मेरी प्लेट..
और ये हो गई गायब..
जरा देखें तो है कहां?

और निचे देखना होगा...
नहीं मिली... आपने देखी क्या?
कैसी लगी ये शरारत? जरुर बताना... 

Tuesday, May 26, 2009

मेरा ओफिस, मेरी चेयर

जन्म दिन के उपहारों की श्रॄंख्ला में आज बता हूँ एक खास तोहफे के बारें में.. ये शानदार चेयर कम टेबल मुझे भेंट की है मम्मी के सहकर्मीओं ने.. ओफिस में सभी ने आपस में चर्चा कर तय किया की आदि को जन्म दिन पर तिपहिया साईकिल देगें.. पर अचानक पता चला कि अनामिका मासी भी साईकिल के आई है... मैं दो-दो साईकिल का क्या करुंगा? ये सोच मम्मी ने अनिका मासी को फोन किया तो पता चला कि वो भी मार्केट से साईकिल ले आई है... मम्मी ने कहा कोई बात नहीं अब आदि दो साईकिल चलायेगा.. पर ये बात अनिका मासी को नहीं जमी और वो फिर से मार्केट जा मेरे लिये ये चेयर ले आई.. मासी हो तो ऐसी!!! है न..

अब बताओ मैं इस चेयर का क्या करता हूँ.. कहते तो इसे डाईनिंग टेबल है पर मेरे लिये ये एक और काम करती है.. देखो इस पर फोन लगा कर इसे में अपनी ऑफिस भी बना लेता हूँ..  देखो सभी एक फोन की दुरी पर है..


मुझे तो बैठने का  मजा आया ही पर मम्मी को काफी आराम हो गया इससे.. सीट बेल्ट लगा कर बैठा देती है और टेबल पर खिलौने रख देती है.. मैं खेलता रहता हूँ और मम्मी खाना खिला देती है.. मेरे पीछे पीछे नहीं भागना पड़ता अब मम्मी को.. ये कुर्सी मुझसे ज्यादा मम्मी को पसंद आई है..


मेरा क्या है, मुझे तो बस चने दे दो.. मैं तो उसी से खेल सकता हूँ...

अरे चेयर का बताते हुए एक और गिफ्ट भी तो आपने देख लिया.. फोन.. जो मेरी टेबल पर रखा है.. ये परी दीदी लाई है...ये हेलो बोलता है और भी कई बातें करता है...

 थेंक्यु टीम नेल्सन!!
थेंक्यु अनिका मासी!!
थेंक्यु परी दीदी!!
आपको कैसे लगे मेरे गिफ्ट और ये पोस्ट?

(सभी चित्र 5 से 8 मई के हैं)

Monday, May 25, 2009

बाल लीलाऐं - साइकिल

आदि को साइकिल क्या मिली घुमने के लिये मन चाहा साधन मिल गया... साहब साइकिल पर सवार नहीं होते उसे धकियाते हैं.. देखिये कैसे..



अच्छा लगे तो पसंद जरुर बताना...

Sunday, May 24, 2009

तूफान मचा डालो!! हालाकान कर दो सबको..

आदि अपनी मम्मी के साथ दिल्ली में है, और में कन्याकुमारी जिले में २० तारिख को आ गया था अभी ६ दिन और यहीं रुकना है.. कल सुबह अंजु से बात हुई उसी संदर्भ में है ये पोस्ट..

आदि बेटा,
ढेर सारा प्यार,
कल मम्मी का फोन आया था.. और मम्मी तेरी बहुत शिकायत कर रही थी.. मम्मी कह रह थी कि तुम एक मिनिट भी शान्त नहीं बैठते, हर पल नई शरारत करते हो.. पूरे समय उन्हे तुम्हारे पिछे घुमना पड़ता है.. मम्मी कहती है कि अब तुम सीढ़ी चढ़ना सीख गये हो..  जब भी मौका मिलता है सीढ़ी चढने उतरने की कोशिश करते हो..
और मम्मी बता रही थी कि तुम दरवाजे पर जा कर खडे़ हो जाते हो और कुण्डी खोलने की कोशिश करते हो.. बाहर घुमने की जिद करते हो.. बेटा मम्मी को कई काम करने होते है.. तुम्हे हर समय बाहर कैसे ले जा सकती है?
और जब मम्मी बाहर ले जाती है तो तुम प्राम से उतरने की कोशिश करते हो, सड़क पर चलने के लिये मचलते हो.. तुम कंकड पत्थर उठाने लगते हो.. क्यों हैरान करते हो इतना..
उडन तश्तरी अंकल ने तुम्हे दो दिन पहले कहा "तूफान मचा डालो!! हालाकान कर दो सबको.." और तुमने मान भी लिया.. बेटा समीर अंकल मजाक कर रहे थे.. चाहो तो पुछ लो..
वैसे सही बताऊ मैं हर पल तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ, और मन ही मन मम्मी से बहुत इर्ष्या कर रहा हूँ.. कितने अच्छे पल मिस कर रहा हूँ..:) तुम्हारी बाल लिलाऐं मैं कुछ कम क्यों देख पा रहा हूँ.. पर क्या करें, बाहर तो जाना होता है न... जल्द ही दिल्ली आ रहा हूँ फिर हम खुब मस्ती करेगें... बहुत बाहर घूमने जायेगें.. कबुतर देखेगें.. लिफ्ट के बटन दबायेगें.. साईकल चलायेगें.. और वो सब कुछ जो तुम्हे पसंद है..
बहुत प्यार!!
पापा

Saturday, May 23, 2009

फलों का राजा आम..


आप भी सोच रहें होगें की आम का मौसम आये इतने दिन हो गये और आदि ने अभी तक आम खाने/चखाने की खबर नहीं सुनाई..   आम तो काफी दिनों से खा रहा हूँ पर मम्मी काट कर देती है तो खाने में ज्यादा मजा नहीं आता... आम खाने का असली मजा आया सोमवार को.. मम्मी ने टब में बिठा कर गुटली हाथ में दे दी.. फिर क्या था जैसे मन मांगी मुराद मिल गई...  देखिये आम खाने का मजा इन चित्रों में...


खट्टा है क्या?



कहां फिसला जा रहा है?

अब आया मजा!!

मजा आ गया...

finish!!!!!!!!

Friday, May 22, 2009

क्या मजा आता है आदि इसमें?

बिजली के स्विच छेडने में पता नहीं कौनसा सुख मिलता है आदि तुझे? मौका मिलते ही दौड़ पडता है टी वी के केबल की और... प्लग लगा होता है तो निकालने की कोशिश करता है, कोशिश ही क्या दम लगा कर निकाल ही देता है और फिर से लगाने कि कोशिश करता है... प्लग लगा तो नहीं सकता है पर उसे अच्छे से पता है कि प्लग लगाते कैसे है.... बार बार हटाने पर भी पहुँच जाते है महाशय उसी जगह पर... आदि बाबु क्या मजा है है इसमें? 






Thursday, May 21, 2009

दम लगायेगें!!

दम लगायेगें!!
जोर लगायेगें!!
अलमारी हिला देगें हम!!


अलमारी खोलने में बहुत मजा आता है.... .. दिलचस्पी अलमारी में रखी चीजों में नहीं है, मजा अलमारी खोलने की प्रक्रिया में है.. डेढ मिनिट का ये विडियो आपको चहरे के कई भाव स्पष्ट रुप से दिखायेगा... जैसे अलमारी न खुलने पर गुस्सा, अप्रसन्नता, रोष और  मदद की पुकार करना... अलमारी खुलने पर प्रसन्नता जाहिर करना, और अलमारी खोलने के लिये नई तरकिबें लगाना... देखिये और बताइये कैसा लगा आपको ये विडियो...


Tuesday, May 19, 2009

मेरी पहली किताब

जन्मदिन पर मिले तोहफों की कड़ी में आज बारी है किताब की...  राजीव अंकल एरोप्लेन के साथ एक किताब भी लाये थे.. एरोप्लेन तो अभी नहीं मिला पर किताब पढने के खुब मजे ले रहा हूँ.....
.

शाम को पापा ऑफिस से आते है तो मैं अपनी पढाई शुरु कर देता हूँ.. किताब के पन्ने पलटना, उसमें रंग बिरंगे चित्र देखना मुझे खुब भाता है.. और तो और उसमे कुछ  कार्ड भी है... कार्ड बाहर निकाल उनसे खेलना भी पसंद है..






किताब पर लिखा है कि इससे मैं हाथों और आंखो का सामजस्य सिखुंगा...



और एसा नहीं कि ये एक बार ही पढी़ है...  ये देखिये दुसरे-तीसरे दिन के चित्र भी...









अभी कार्ड पहचाना और जगह पर लगाना नहीं आया है पन्ने अच्छे से बदल लेता हूँ..




और कुछ नहीं तो ये किताब १०-१५ मिनिट तो मुझे एक जगह बैठा सकती है, उससे ज्यादा नहीं.. इतनी पढाई बहुत है न मेरे लिये?

थेंक्यु रा्जीव अंकल!!

Monday, May 18, 2009

पहला कदम - खास ताऊ की फरमाइश पर..

बिना सहारे चलने कि ब्रेकिंग न्युज सुन ताऊ ने इच्छा जाहिर की विडियो देखने कि.. तो खास ताऊ कि फरमाइश पर पेश है मेरे पहले कदमों का ये ३० सेकण्ड का विडियो



तो ताऊ अब तो मुझे ’पल्टु’ नहीं कहोगे न?

Saturday, May 16, 2009

बाल्टी में अब टब है मेरा..मैं मछली सा उसमें तैरा....

शुक्रिया "कविताऐं बुनने के लिये".... और मैने बुना है ये विडियो उसी नहाने की मस्ती का आपकी कविताओं के साथ.... तो देखिये  डेढ मिनिट का ये विडियो..




धन्यवाद आप सभी का..

Friday, May 15, 2009

मिलिये प्यारी आदिती से..

आज मिलाता हूँ मेरी प्यारी दोस्त आदिती से... 

ये देखो आदिती सुन्दर सुन्दर चोटी बना कर आई है और प्यारी सी बिन्दी भी लगा ली है..  


मम्मी को आदिती बहुत पसन्द है... वो इसके लिये फ्राक भी लाने वाली है..


कैसी लगी आपको मेरी नई दोस्त?

Thursday, May 14, 2009

चित्र देखों कहानी बुनों

आज आपको कुछ चित्र दिखाता हूँ... ये परसों शाम के हैं....आज इन चित्रों के साथ कोई शीर्षक और बात नहीं है.... क्या आप लिख सकतें है कोई कहानी/कविता इन्हे देखकर...















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