ये देखो एक चेयर और एक मोबाइल.. और चेयर को पकड़ने के लिये बनी जगह.. और मेरा खेल शुरु...
जगह का मुआयना तो हो गया.. अब लाता हूँ मोबाइल... नजर ’मछली की आँख’ पर
ये गया मोबाइल...
और ये देखो.. बिल्कुल अच्छे से पहुँचा दिया..
और धड़ाम.. मोबाइल.. उस पार..
तालियाँ, तालियाँ, तालियाँ!!कैसा लगा..
भले आदमी, मोबाइल को तोड़ने पर क्यों आमादा है किसी और चीज को ही पार करले !
ReplyDeleteलगता है पक्का खिलाडी है..
ReplyDeleteक्या विवेक अंकल..
ReplyDeleteआप ही ने तो कहा था
"खिलौना मँहगा हो या सस्ता, एक ही दिन में हो खस्ता"
अब मेरे लिये तो ये भी खिलौना ही है न??
" ha ha ha ha ha ha good job hero"
ReplyDeletelove ya
अच्छा हमारा हथियार हमीं पर चला रहे हो ?
ReplyDeleteठीक है,ठीक है,
अब झगड़ो मत,
हम जीते, तुम हारे, झगड़ा खत्म !
aare waah aadi tho bahut hoshiyaar hai,naye naye games khelta hai waah,khursi bahut bhaa gayi humko cuti master:)
ReplyDeleteचेयरमैन बनो! जिसका काम चेयर पर बैठना, साइन करना और मोबाइल पर ड़ांटना भर होता है! :)
ReplyDeletebahut khub aadi bhai lage raho |
ReplyDeletechalo isi bahane aadi kuch der ke lie busy rahegaaaaa. mom to yahi soch rahi hongi...
ReplyDeleteकुर्सी-मोबाईल वाले खेल से बोर हो जाओ तो एक बढिया गेम मैं बताता हूं, अब कुर्सी की जगह पीछे वाली खिड़की हो सकती है। एक बार खिड़की से मोबाईल को नीचे डाल कर देखो कितना मजा आयेगा.... और हां ये बंद वाला डमी मोबाइअल नहीं पापा या मम्मी का मोबाईल डाल कर देखना ।
ReplyDelete:)
हैल्लो आदि!
ReplyDeleteभाई मिस-कॉल क्यों दे रहे हो?
बात करो ना।
अरे आदि तुमने तो मेरा नम्बर ही मिला दिया हेलो कैसे हो कल तुम्हारी जलेबियां नहीं खा पायी चलो फिर बाई आशीर्वाद्
ReplyDeleteअरे आदि तुमने तो मेरा नम्बर ही मिला दिया हेलो कैसे हो कल तुम्हारी जलेबियां नहीं खा पायी चलो फिर बाई आशीर्वाद्
ReplyDeleteजमीन पर पटको, तब तो टूटेगा. इस तरफ से डालकर गिराओ... :)
ReplyDeleteक्या मस्ती चल रही है.
लगे रहो।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आजकल हम भी इसी तरह की उठापटक कर रहे हैं। लगे रहो।
ReplyDeleteबेटा कभी मौका मिले तो बालकनी के छेद से भी नीचे निकलना मोबइल
ReplyDeleteबहुत अच्छे..लगे रहो यार.
ReplyDeleteरामराम.
ठीक ही तो है खिलौना सस्ता हो महंगा और मोबाइल हो या कुछ और तेरे लिए तो खिलौना ही है उसे बचाने की जिम्मेदारी तेरी थोड़े ही है तू तो खेलता जा जिसे बचानी हो वो चिंता करे |
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