मम्मी के साथ कुछ दिन पहले लखनऊ गया था.. होटल के कमरे में एक अलमारी रखी थी.. बिल्कुल मेरे साईज की.. छुपम छुपाई खेलने के लिये एकदम उपयुक्त.. तो फिर मौका भी था और साधन भी.. खेल शुरु..
पढ़ लिए बिटवा..हमको लगता है ..तुम्हरी शैतानी देख के ..तुम बड़े होकर ओफ्फिस की अलमारी में भी ऐसे ही छुपंछुपायी खेलोगे...बस आलमारी का साईज बड़ा होगा..और सब कुछ वैसा ही रहेगा..आँखों का भाव भी...स्नेहाशीष.
ranjan you need to be caeful when you let your child play such games . because you shoot pics the child is likely to belive that he can do this again also since i love adi its important to communicate this to you that if this act the child repeats inabsence of a adult it will harm the child
मजे लेते रहो प्यारे..पर यार तेरे अंदर एक बात खराब है..तू अकेले अकेले मजे लेता है और फ़िर हमे सुनाकर लजाता है..ठिक है बेटा आज हम भी चाकलेट खायेंगे और तेरे को नही देंगे.:) अब आयेगा ना मजा.
पता है आदि बेटा? बच्चों को मैं खूब प्यार करता हूं, मगर सभी बच्चे मुझसे डरते भी बहुत हैं.. उनके पापा मम्मी मुझसे डरा देते हैं.. अभी दीदी कि बिटिया से बात की तो बोल रही थी कि आप डांटोगे तो नहीं ना? :(
पढ़ लिए बिटवा..हमको लगता है ..तुम्हरी शैतानी देख के ..तुम बड़े होकर ओफ्फिस की अलमारी में भी ऐसे ही छुपंछुपायी खेलोगे...बस आलमारी का साईज बड़ा होगा..और सब कुछ वैसा ही रहेगा..आँखों का भाव भी...स्नेहाशीष.
ReplyDeleteआँखों में छुपा छुपी खेलने की मस्ती दिखाई दे रही है
ReplyDeleteranjan
ReplyDeleteyou need to be caeful when you let your child play such games . because you shoot pics the child is likely to belive that he can do this again also
since i love adi its important to communicate this to you that if this act the child repeats inabsence of a adult it will harm the child
one moment of carlessless will cost us all
aaditya luks very sweet..par rachna jee ne bilkul theel kaha hai....tc care...
ReplyDeleteओय,कहॉं छुप गया आदि।
ReplyDeleteपापा की फाइल कहॉं निकाल फेंकी यार।
सुनहरा भविष्य
ReplyDeleteaadi bahut achhe lag rahe ho,hame laga naa jaane ankhon ankhon mein kahi isharo wali baat tho nahi:):),
ReplyDeletevaise hum rachana ji se 100 percent sehmat hai ranjan ji,kabhi galti se agar darwaza band ho jaye,please aisa kabhi na ho.
आँखों में शरारत ,होंठों पर मुस्कान है ..आदि की यह लुकाछिपी डर से अनजान है ..बचपन होता है कितना भोला भाला ....यही तो इसकी पहचान है :)
ReplyDeleteवाह आदि तेरी मौज-मस्ती... लगे रहो छोटे मियाँ!
ReplyDelete----
पढ़िए: सबसे दूर स्थित सुपरनोवा खोजा गया
तो लखनऊ में खूब मज़े किये आपने ...
ReplyDeleteबढ़िया, लगे रहो आदि।
ReplyDeleteमजे लेते रहो प्यारे..पर यार तेरे अंदर एक बात खराब है..तू अकेले अकेले मजे लेता है और फ़िर हमे सुनाकर लजाता है..ठिक है बेटा आज हम भी चाकलेट खायेंगे और तेरे को नही देंगे.:) अब आयेगा ना मजा.
ReplyDeleteरामराम.
मोहक चित्रावली.लखनऊ की भूलभलैया में छुप्पम छुपाई मत खेलना.वहां बड़े बड़े भी गुम जाते है.
ReplyDeleteमस्ती करते रहो.
आँखों में क्या जी?
ReplyDeleteगज़ब का दंगल!!!
यह खेलना तो अच्छा है, पर अकेले अकेले यह मत खेलना।
ReplyDeleteआंखों मे .. मस्ती ही मस्ती.. और क्या ?
ReplyDeleteLooking smart Aditya.
ReplyDeleteWishing u happy icecream day...aj dher sari icecream khayi ki nahin.
See my new Post on "Icecrem Day" at "Pakhi ki duniya" .
छुप्पा-छुप्पी बहोत हुई.... अब सामने आ जाओ ना......
ReplyDeleteमस्त रहो... आबाद रहो.....
www.nayikalm.blogspot.com
Sirf shararat, aur kuchh nahee.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
इत्ती बदमाशी छूट रही है आदि...बहुत प्यारे लग रहे हो..लेकिन अकेले में मत बैठ जाना अल्मारी बंद करके. मम्मी को बता कर ही खेलना!
ReplyDeleteपता है आदि बेटा? बच्चों को मैं खूब प्यार करता हूं, मगर सभी बच्चे मुझसे डरते भी बहुत हैं.. उनके पापा मम्मी मुझसे डरा देते हैं.. अभी दीदी कि बिटिया से बात की तो बोल रही थी कि आप डांटोगे तो नहीं ना? :(
ReplyDeleteप्रशांत अंकल,
ReplyDeleteआप तो चिन्ता नहीं करो.. मेरे पास दिल्ली आ जाओ मैं आपसे बिल्कुल नहीं डरुंगा बल्कि खों खों कर डरा दूंगा.. आप डरना नहीं..
कब आ रहे हो?
अरे ! ये फ़ोटो तो मैंने देखी ही नहीं थीं. वाह बहुत सुंदर.
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