मैं लपक लेता हूँ दूसरों कि बॉल की तरफ और उनसे बॉल देने की जिद्द भी करता हूँ.. और चुंकि मैं सबसे छोटा प्लेयर हूँ इसलिये कोई मना भी नहीं करता.. ;)
बॉल से खेलने के बाद मेरा अगला टारगेट होता है क्रिकेट का बैट और बॉल.. पहूँच गया पिच पर और विकेट पर खडे़ भय्या से ये बैट ले लिया..
और पोसिजन लेकर तैयार.. वैसे काफी भारी बैट था ये..
और जब पिच पर दौड़ लगाने लगा तो सभी बच्चे पापा से कहने लगे..."अंकल!! प्लीज इसे हटा लो... इसे चोट लग जायेगी.."
चोट की ज्यादा चिन्ता नहीं है अभी.. बस रेत में खेलने के मजे ले रहा हूँ..
कैसा लगा?
मुमेंट ऑफ द डे मेरी बोली में एक शब्द नया जुड़ गया रविवार को.. और इस शब्द का पापा बहुत दिनों से इंतजार कर रहे थे... और वो है "पा पा" ... जी हाँ. मम्मी, मम्मई, चाचा, नाना, ओ हो.. के बाद ये एक और शब्द.. |
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ha ha ha ha ha oye hero koi tension nahi laine kaa ok, khub khelne kaa yeeeeeeeee"
ReplyDeletelove ya
गोदी में रहने के बदले मिटटी में खूब खेलना. तभी माटी पूत कहलाओगे. इसमें बहुत फायदा है. बच्चे बीमार नहीं पड़ते. इम्मुनिटी अपने आप डेवेलोप हो जाती है. फोटो तो बड़े मजेदार है. प्यार
ReplyDeleteदिलेरी से खेलो..किसी से डरना मत..हमारी फोटो दिखा देना कि ताऊ को बुला लाऊँगा..लेकिन उनको भी खेलने देना..किसी का खेल क्यूँ बिगाड़ना. अप अपना खेल खेलो!!
ReplyDeleteपापा तो पा पा सुन कर फूले नहिं समा रहे होंगे..उनको बोलो..हमें मिठाई भेंजे!!
इतना छोटा बच्चा क्रिकेट खेल रहा है :)
ReplyDeleteदेखो आदित्य , कच्ची जमीन पर ही खेलो तो ज्यादा अच्छा होगा .
ReplyDeleteपक्के फ़र्श पर खेलने से दाँतो में चोट लगने का खतरा रहता है !
aadi sahi bole chot se kya darna,abhi tho khelne ke din hai ,khub khelo :):)
ReplyDeleteबडे बच्चों के खेल के बीच में मत जाया करो .. सचमुच चोट लग जाएगी।
ReplyDeleteबढ़िया है, समाज में जीने तैयारी अच्छी चल रही है.
ReplyDeleteअरे वाह आदि.. एक दिन में इतनी तरक्की..
ReplyDeleteखिलौने वाले बैट से असली बैट पर आ गए..
aaditya ko chhota sa bat le dejiye...lag jayega use...
ReplyDeleteare vaah beta , naya shabd bolne par papa to khush ho rahe honge :)papa mummy dono ko badhai ......haan bade bachon ke beech jara dhayan se :)
ReplyDeleteभाई अब सचिन तेंदुलकर बनना है. बिल्कुल.
ReplyDeleteरामराम.
ताऊ, रामप्यारी की क्लास में गेम्स भी सिखाओगे तो जरुर सचिन बनुंगा.. खों खों..
ReplyDeleteरामप्यारी के स्कूल मे स्पोर्ट्स के अलावा होर्स राईडिंग और पैरा ग्लाईडिंग जैसे खेल भी सिखाये जाते हैं. बस तुम्हारा एडमिशन होगया..अब चिंता मत करो..सब जिम्मेदारी स्कूल की है. बस अनुपस्थित मत रहना क्लास से.:)
ReplyDeleteबैट छोटा है तुम्हारा ...पापा से कहो बड़ा दिलवाये...अब तो कह सकते हो.
ReplyDeleteअब तो पापा पापा कहकर सारे काम करा लोगे मियाँ
ReplyDeletevaah beta badon ko nachana khoob aataa hai tumhen lage raho aasheervaad
ReplyDeleteवाह, रन कितने बनाये प्यारे!
ReplyDeleteaadi bhayi kab se bado wali harkate suru kar di
ReplyDeleteखूब खेलो
ReplyDeleteखूब खेलो ! बिना चोट के डर से , छोटी मोटी छोट तो लगती रहती है उसकी क्या परवाह करनी और रेत में तो खूब लोट पोट करा करो |
ReplyDeleteबेटा अब हमें इंतजार है कि तुम अंकल कह कर कब बुलाओगे।
ReplyDeleteआदि बेटा!
ReplyDeleteजब हम तुम्हारे घर आयेगे तो
तुम्हारे खेलने के लिए छोटा बैट
अवश्य लेकर आयेगे।
चलिए आज रंजन जी को पापा कह कर कृतार्थ कर ही दिया आदि ने .
ReplyDeleteअरे बच्चे रेत ओर मिट्टी मे जितना भी खेलो उतने ही मजबुत बनोगे, मुझे लगता है कि बेट थोडा बडा नही है, ओर बेटा तुम से भारी भी, लेकिन क्या करे पापा तुम्हे वोही चाहिये ना...
ReplyDeleteबहुत प्यार बेटा
Enjoy!
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